कमाल है ये
कमाल है ये, कुछ, तितलीयों के रंग का
कमाल है ये, दिल की हर तरंग का
क्यूँ धूप में भी, बात, कुछ नई सी है
कमाल है ये, दिल में छिड़ी हर जंग का
मैं भूल जाऊँ ज़िंदगी, तेरे, हर दाग़ को
हवाँ भी दूँ, आधी जली, आधी भूझी सी आग को
समेट लूँ -2, हर लम्हा पुराने संग का
कमाल है ये, मेरे बदले रूप रंग का
अब इंतज़ार में है मेरे कहीं, इक नई जमी और नया आस्माँ
मैं भी बेक़रार हूँ, यार मेरे, लिखने को इक नई दास्ताँ
उड़ लेने दो, गिर लेने दो, पूरा करने दो, क़िस्सा नए प्रसंग का
कमाल है ये-2, कुछ, नए फ़ैसलों की उमंग का
मुझसे भूल जो हुई, तो, भुला देना उसको
मैं, क़द्रदान ही हूँ, ना बद्दुआ देना मुझको
दूर होना धोखा नहीं, कहना मानो मलँग का
कमाल है ये,-2, दिल में उठी, बस एक, शक की सुरंग का
ना जुदा हो रिश्ते पुराने, ध्यान दो
स्वागत करो, नए रिश्तों को भी, मान दो
तेरे साथ का गर साथ मिल जाए, सफ़र पूरा हो पतंग का
कमाल है ये, तेरे-मेरे मन की जुड़ी, हर मन तरंग का
अब मान भी जाओ, ना रुका कुछ जाने से क़िसीके
अब दौर है -2, नए पल संजो लेनेदो ज़िंदगी के
रास्ते चाहे जुदा हो जाए, सवाल है ये तेरे मेरे संग का
कमाल है ये, तुझसे जुड़े, तुझसे मिले, तेरे होंसलो का, तेरे मेरे रंग का
शीतल खुराना
कमाल है ये, दिल की हर तरंग का
क्यूँ धूप में भी, बात, कुछ नई सी है
कमाल है ये, दिल में छिड़ी हर जंग का
मैं भूल जाऊँ ज़िंदगी, तेरे, हर दाग़ को
हवाँ भी दूँ, आधी जली, आधी भूझी सी आग को
समेट लूँ -2, हर लम्हा पुराने संग का
कमाल है ये, मेरे बदले रूप रंग का
अब इंतज़ार में है मेरे कहीं, इक नई जमी और नया आस्माँ
मैं भी बेक़रार हूँ, यार मेरे, लिखने को इक नई दास्ताँ
उड़ लेने दो, गिर लेने दो, पूरा करने दो, क़िस्सा नए प्रसंग का
कमाल है ये-2, कुछ, नए फ़ैसलों की उमंग का
मुझसे भूल जो हुई, तो, भुला देना उसको
मैं, क़द्रदान ही हूँ, ना बद्दुआ देना मुझको
दूर होना धोखा नहीं, कहना मानो मलँग का
कमाल है ये,-2, दिल में उठी, बस एक, शक की सुरंग का
ना जुदा हो रिश्ते पुराने, ध्यान दो
स्वागत करो, नए रिश्तों को भी, मान दो
तेरे साथ का गर साथ मिल जाए, सफ़र पूरा हो पतंग का
कमाल है ये, तेरे-मेरे मन की जुड़ी, हर मन तरंग का
अब मान भी जाओ, ना रुका कुछ जाने से क़िसीके
अब दौर है -2, नए पल संजो लेनेदो ज़िंदगी के
रास्ते चाहे जुदा हो जाए, सवाल है ये तेरे मेरे संग का
कमाल है ये, तुझसे जुड़े, तुझसे मिले, तेरे होंसलो का, तेरे मेरे रंग का
शीतल खुराना
Kamal Hai Ye Shabdo ko yu Jodne Ka,
ReplyDeleteKamal Hai Ye Lamho ko yu Sajone Ka,
Har Din Ab Saturday Ho jaye, or ab ye Kamal kyu na har din ho jaye...Beautifully Written
Shukriya shukriya
DeleteMadam
ReplyDeleteI am shocked..itna khoobsurat shabdho ka milaan, yakin nhi hota ki aap itne acche Shayar bhi ho ...Ati uttam
Vikas
Shukriya
DeleteAti sunder abhivyakti bhabhi 👍🏻👍🏻... keep writing and amazing us
ReplyDeleteThank you Reetika
DeleteAaj Shaniwar hai
ReplyDeletehamari aadarniya mam ka
adbhut vihar hai....
Aur mujhe is pal ka rahta intezar hai......
Bahot hi behtareen ....
Keep writing and motivating us.
Thank you sandeeS
DeleteMadam
ReplyDeleteBahot hi khoobsurat likha hai
Vikram
Thank you
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