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परिवर्तन

कितनी बेरंग थी ज़िंदगी जबकि सुबह शाम का सफ़र था     हर बंदा तनहा था यहाँ  जबकि जमघट हरदम हर डगर है कुछ समय चाहिए कुछ मोहलत मिल जाए थोड़ा और जी ले जो फ़ुरसत मिल जाए अबकी बार है मोदी सरकार प्रभु ने भी सुनली है, इस बार समय चाहिए लेलो तुम बेपनाह मोहलत देदी यार वो सब कैसे, हुआ ज़रूरी जो बन गई थी, अपनी मजबूरी ना घड़ी की सुइयाँ चलती है अब  कल परसों में भी, बड़ गई है दूरी हाँ फ़िज़ा फिर रंगीन हुई है रात से पहले साँझ हुई है  नए पंछीयो का आना जाना भी हुआ फिर क्यूँ हरसु उदासीन हुई है फिर से रास्ते नापने दो  फिर से जीवन नीरस कर दो कुछ-कुछ हम भी बदलेगें कुछ कुछ पहले जैसा-सा कर दो श्यामिली

लक्ष्य

Hello everyone Stay cautious , stay safe that’s the only way.  Work hard and live well. All the best. आत्मविश्वास सफलता की सीढ़ी        जितनी चढ़ती जाओगे अपने अपने लक्ष्य को        उतनी शीघ्र ही पाओगे उठो रोज़ विश्वास से        हर्ष और उल्लास से हम करेंगे, करके रहेंगे        जितना ये दोहराओगे अपने अपने लक्ष्य को        उतनी शीघ्र ही पाओगे अपना अपना सफ़र है अपना        उसका मेरा अलग है सपना जीवन अपने का मेल नहीं है        जब तुम जान जाओगे अपने अपने लक्ष्य को        उतनी शीघ्र ही पाओगे मुश्किल वक्त कमाण्डो सख़्त        पलट के रख्दो दुःख और दर्द ना विपदा की सीढ़ी बने        गर अम्ल इस...

तू मेरा चन लगदा

तेरी अँखिया च मैं डूब जाना  के तू मेरा चन लगदा बिना तेरे ते मैं मर जाना के तू मेरा चन लगदा आइया ना यादाँ कदी दिल एँवे मोडियाँ वस वी ना पाई कदी जद दाँ तू छोडयाँ हून साम लें तू मेनू मेरे जानी  के तू मेनू रब लगदा  तेरी अँखिया च मैं डूब जाना  के तू मेरा चन लगदा होईया ना राताँ कदी नेरा नेरा होया हे क़िस्नू तू पा लाया किस्दा तू होया हे आके सिवा ते मेरा सेक जाना ते तू मेनू ना लबना तेरी अँखिया च मैं डूब जाना  के तू मेरा चन लगदा श्यामिली

मन जाने ना

Thank you so much all, for keep telling me where m going off the track. Today’s creation is fusion of compositions. Hope you will like it, do let me know your feedback. मन जाने ना मन जाने ना क्यूँ मैं,  तुमसे मिलूँ,  क्यूँ छुपूँ मन जाने ना क्यूँ है इतनी ख़ुमारी कैसी है बेक़रारी शब मैं काटूँ बैचारी पर यें, वो माने ना वो जाने ना मन जाने ना उसने मन को छुआ  जाने क्या क्या हुआ है ये कैसा धुआँ सुलगायें ना झुलसायें ना मन जाने ना मेरी माने ना आओ तो संग है तरंग है उमंग रूठो तो दिल के उड़े सारे रंग बैठो दो घड़ी,  नज़रें क्या लड़ी  तुम तो हो गए दंग मानो तो सही जो है अनकही कबसे खड़े है हम क्यूँ माने ना मन जाने ना मेरी माने ना श्यामिली

मेरी जान

Good morning everyone, Hope you are having a great day. Today, I am presenting a Punjabi song based on  the composition of  Mr Guru Randhawa song, “Lahore”  Hope you will like it, Do let me know, your views on it. ओ एँवें रुसया ना कर मेरी जान नि लगदी तू  ओ एँवें छुपया ना कर मेरी जान नि कडदी तू  ओ। तेनू पता नहीं की बेचैनी हे किवें कवाँ  तू जाँ लेनी हे तेरे प्यार दियाँ ख़ुद शर्ताँ लिखलें तू मेरे प्यार दियाँ कुछ सिफ़्ता मनलें तू ओ। तेनू पता नहीं की बेचैनी हे किवें कवाँ  तू जाँ लेनी हे ओ एँवें रुसया ना कर मेरी जान नि लगदी तू  ओ एँवें छुपया ना कर मेरी जान नि कडदी तू  आदत तेरी पे गईं एं तू दिल विच बे गईं एं ओ हिक़ नाल लालें तू   जाँ क़ड़ के लें गईं एं तेरे प्यार दियाँ आसाँ जगालें तू मेरे प्यार दियाँ प्यासाँ भुझालें तू  ओ। तेनू पता नहीं की बेचैनी हे किवें कवाँ  तू जाँ लेनी हे ओ एँवें रुसया ना कर ओ एँवें टपया ना कर मेरी जान नि लगदी तू  ...

रूहों वाला प्यार

तेरी मोहलतो की मिसाल दूँ तेरी बिसात पे तुझे मात दूँ तू तन्हा तन्हा तड़प सकें तुझे तन्हाई की रात दूँ तू रोए , पर ना सह सके तू तन्हा भी ना , रह सके तेरी हर सिसकती साँस हो तू मुझसे दूर ना रह सकें तेरा दर यूँ तनहा छोड़ दूँ तुझें यूँ सिसकता छोड़ दूँ फ़िर दो घड़ी का विराह तो हो रिश्ता जन्म का , फ़िर जोड़ दूँ तुझे मिलने की मैं आस दूँ अपने मिलन की प्यास दूँ तेरी आह को , कुछ राह दूँ तेरी सांस में मेरी साँस हो तेरी   हसरतों   की   दुआ   बनूँ तेरी   आरजू   की   वजह   बनूँ कभी ,  काफ़िर   बनूँ   तेरे   वास्ते कभी   तेरी   जुल्फ   सवार   दूँ ये   जमीं ,  आ ,  तुझपे   वार   दूँ हाँ ,  अपना   सब   कुछ   हार   दूँ तेरा   इश्क़   भी   ना   पूछें   तुझे इतना   रूहों   वाला   प्यार   दूँ  इतना ...

मेरी ख्वाहिशें

वक्त आने पे तो नज़रें, तुम्हीं मिला लेना आइना हमसे जो रूठे, तुम्हीं मना लेना      अपनी यादों में ही थोड़ी, हमें जगह देदो  मुद्दतों दिल में ही रखने का, कुछ सिला देना हम तो समझे, है अब भी याद तुम्हें गर हमें तुमने भुलाया, हमें मिटा देना हाथ को आस अभी तक, है सिहर जाने की आँख बंद होने से पहले, शमा बुझा देना दिल की दिल में ना रहे, लब, पे ना आ जाए कहीं  दिल की बातों को लबों में, तुम्हीं दबा देना शोख़ नज़रों को हटाना ना, किसी के कहने पर मेरे कातिल, मेरी बर्बादी पे, मज़ा लेना श्यामिली