मेरी ख्वाहिशें



वक्त आने पे तो नज़रें, तुम्हीं मिला लेना
आइना हमसे जो रूठे, तुम्हीं मना लेना     

अपनी यादों में ही थोड़ी, हमें जगह देदो 
मुद्दतों दिल में ही रखने का, कुछ सिला देना

हम तो समझे, है अब भी याद तुम्हें
गर हमें तुमने भुलाया, हमें मिटा देना

हाथ को आस अभी तक, है सिहर जाने की
आँख बंद होने से पहले, शमा बुझा देना

दिल की दिल में ना रहे, लब, पे ना आ जाए कहीं 
दिल की बातों को लबों में, तुम्हीं दबा देना

शोख़ नज़रों को हटाना ना, किसी के कहने पर
मेरे कातिल, मेरी बर्बादी पे, मज़ा लेना

श्यामिली 




Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

सफर

वक़्त है जनाब, बदल जायेगा

End of Season