मेरी पहचान

 

ना शब्दों से होगी

ना राहों से होगी

मेरी पहचान मेरे बाद

तेरी आहों से होगी


तकल्लुफ में भूलाएगी

मुमकिन है ना करे याद

माना तू किसी और की

बांहों मे होगी

पर मेरी पहचान मेरे बाद

तेरी आहों से होगी


जमीं और आसमान लगे होंगें

मिटाने बेगुनाही मेरी

बेपाक तू  गुमां में

फिर गुनाहों में होगी

मेरी पहचान मेरे बाद

तेरी आहों से होगी


ना करना कोशिशें

फितरत बदलने की अपनी

तेरी मासूमियत ही

तेरी तरफ से गवाहों में होगी

मेरी पहचान मेरे बाद

तेरी आहों से होगी


ना बदले मौसम

बेवफ़ाई का कभी

तेरी खुशबू सदा ही

महकी हवाओं में होगी

मेरी पहचान मेरे बाद

तेरी आहों से होगी


तेरा दर्द एक रोज़

तेरे साथ ही दम तोड़ेगा

तू चाहे ना चाहे

तब मेरी पनाहो में होगी

यूंही चाहूंगा

तब तक मै तुझको

मेरी सांसे फिर से

महसूस दवाओं सी होगी

मेरी पहचान मेरे बाद

तेरी आहों से होगी


श्यामिली


Comments

  1. Continue improving, dil ko chu jaati hai

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  2. Priya khurana

    Wow bhabhi.
    Deep.
    Great job

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  3. दिल को छू लेने वाली कविता की आपने रचना की है।

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  4. Are we witnessing Shyamali Introspection n debate with conscious soul or do we have reference to compare. The tone n tenor has set the stage to realise ultimate fact of life which sooner than later every one would go through.

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  5. Keep Entertaining to have have your thoughts pen down to aspire all Shyamali fans

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