कमाल है ये
कमाल है ये, कुछ, तितलीयों के रंग का कमाल है ये, दिल की हर तरंग का क्यूँ धूप में भी, बात, कुछ नई सी है कमाल है ये, दिल में छिड़ी हर जंग का मैं भूल जाऊँ ज़िंदगी, तेरे, हर दाग़ को हवाँ भी दूँ, आधी जली, आधी भूझी सी आग को समेट लूँ -2, हर लम्हा पुराने संग का कमाल है ये, मेरे बदले रूप रंग का अब इंतज़ार में है मेरे कहीं, इक नई जमी और नया आस्माँ मैं भी बेक़रार हूँ, य...