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Showing posts from November, 2021

Welcome to Geeta Marathon

               हर पल आए, बस यही ख्याल हर पल पूछूँ, बस यही सवाल कृष्ण की देखो, कैसी माया है समझुँ ना क्यूँ, मानव जीवन पाया है       सोचूँ कितने, खुशकिस्मत है हम देव भी समझे, खुदको कम कृष्ण की कृपा, है अपरम्पार पर क्या निकलेगा,  ऐसे ही अपना दम   अंधेरों में भी, उसकी है आहट दूर होगी कैसे, अपनी मिलावट   जितना सोचा उतना उलझा पर अब मिल गई, उसकी लिखावट   अर्जुन को थी जब, गीता सुनाई दूर की थी , थी घटा जो छाई प्रभुपाद ने फिर से, गीता है बांटी    कितनो की है, अब जान बचाई   महीना वही फिर, आया है कृष्ण ने गीता को, फिर  गाया है एक गीता दान, १०० गाये दान बराबर समझ  यही  मुझे, बारम्बार आया है   क्या मेरा हाथ तुम, बटाओगे गीता को सब तक, पहुंचोगे एक गीता, एक कॉफ़ी से भी सस्ती क्या एक कॉफ़ी, दाव पर लगाओगे इंतेजार मुझे, रहेगा तुम्हारा क्या क़दम से क़दम, मिलाओगे क्या धन्य नहीं हो , जो भारत में जन्मे क्या भारत का, कर्ज़ उतारोगे प्रभुपाद के, १२५वे  साल में १२५ लोगो को, पार लगवाओगे   क्या मेरा हाथ, तुम बटाओगे गीता को, सब तक पहुंचोगे    

लाजवाब

  तू सदा ही मुस्कुराए तू चाहे कहीं भी जाए तू सदा ही गुनगुनाए     तू चाहे नज़रें चुराए तू सदा कामयाबी पाए   तू चाहे ना, मुझको मनाए तू मेरे हिस्से का ख्वाब है तू सदा ही लाजवाब है   दुनिया बड़ी है , तू अभी छोटी है दुनिया से बच, नियत इसकी खोटी है चेहरे पे चेहरा है , दिल भी खराब है नज़र ना लगे तुझे यूँ तो चाँद पे भी दाग है तू मेरे हिस्से का ख्वाब है तू सदा ही लाजवाब है   रोज़ नए नए, रंग दिखाती है ज़िन्दगी सी है तू , रोज़ नया मुंह बनाती है थक जाना मेरी फितरत नहीं, ये मेरा जवाब है तू हर हाल में रहे रोशन, मेरे घर का चिराग है तू मेरे हिस्से का ख्वाब है तू, सदा ही लाजवाब है   तेरा वहम है, तू हो गयी है बड़ी तजुर्बा बचाता है जीवन में हर घडी हवाएँ कितनी भी सर्द हो तू खुद ही आफ़ताब है इंतज़ार तो कर तेरा वक़्त , तुझे मिलने को बेताब है रखना याद , तू मेरे हिस्से का ख्वाब है तू, मेरी बच्ची , सदा ही लाजवाब है Wishing Ananya a very happy Birthday, May Krishna bless you dear    श्यामिली

चेहरे

  जो दिखता तो है, होता पर नहीं वो भी सुना, जो कहा नहीं            मिली उसकी भी सज़ा,                       जो किया ही नहीं   दुनिया की यही, रीत है यारो जाने दो , जो चला गया, ना था अपने लिए सही     बनाये थे दोस्त, पर निकले दुश्मन ढूंढे कैसे, इक साफ सा मन चेहरे इतने है , परखें कैसे कितना सोचे,               किसने क्या क्या कही कैसे बोले ,           क्या है बीत रही   दिल टुटा तो है ,             ना बिखरने देंगे उम्मीद का दामन,             ना फिसलने देंगें वो खुशफ़हमी में,            निभाए दुश्मनी मेरे रब ने मेरा हाथ,           कभी छोड़ा तो नहीं फिर क्यूँ सोचें           क्या है गलत सही फिर क्यूँ सोचें           क्या है गलत सही   श्यामिली

विदाई

  समझ गर जो पाओ, तो तुम समझ जाना जो मै, फिर से रुठूँ, तो मुझको मनाना जमाने का यूँ तो, ठुकराया हुआ हूँ डगमगाऊँ अगर मैं, तो मुझको बचाना   हाँ सच है कि, ना साथ, मैंने दिया है अच्छा ही किया है, जो, तूने किया है यूँ तो रूह तक ये घाव फैला हुआ है हो सके तो इसपर कुछ मरहम लगाना जो मै, फिर से रुठूँ, तो मुझको मनाना   ना की कुछ वफा पर घायल किया है तेरी हर अदा ने फिर भी, कायल किया है जो धुआं धुआं है बुझती आग भी होगी   अगर हो सके फिर से ताप बढ़ाना जो मै, फिर से रुठूँ, तो मुझको मनाना   ना जी भर के देखा ना सजदे का वक्त था डगर थी अंगारों की मौसम भी कम्बक्त था थी आवाज़ आई लगा तुमने पुकारा अगर सुन तुम पाओ मेरी आहों को सुनना आखिरी मरतबा मुझको कान्धा लगाना आखिरी मरतबा मुझको कान्धा लगाना   श्यामिली