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Showing posts from January, 2021

अब भी तुमसे प्यार है

  शाम फ़िर गुज़र गई फ़िर शब् का इंतज़ार है फ़िर वही तनहाई है फ़िर दिल बेकरार है   फ़िर ख़ामोशी ने घेरा है वक़्त का कैसा फेरा है कौन है , जो है झांकता  तुमको, फ़िर बारम्बार है शाम फ़िर गुज़र गई फ़िर शब् का इंतज़ार है   लहराता है हर झोके में ताकता है हर मौके पे ना रौशनी मिली, ना हवा पानी जाने पड़ी किसकी मार है फ़िर वही तनहाई है फ़िर दिल बेकरार है   ये आया, जो, मेरे हिस्से में है क्या ये, तेरे भी, किस्से में है ये आया, जो, मेरे हिस्से में है क्या ये, तेरे भी, किस्से में है मीलों के इस सन्नाटे का क्या मंजिल है मेरी, या मझदार है फ़िर वही तनहाई है फ़िर दिल बेकरार है   ज़रा सा, छू लो, जो तुम तो आ जाए, सकूँ ये जो, हारी है जिंदगी कैसे मै , इससे मिलूं तेरी मुलाकात ही अब मेरी नाकामी की दरकार है शाम फ़िर गुज़र गई फ़िर शब् का इंतज़ार है   हाँ सीख लिया है, मैंने जीना रह रह कर फ़िर क्या, खलता है ना ज़ख़्म का निशाँ बाकी फ़िर नासूर, सा क्या, दिल में पलता है फ़िर मरहम को, क्यूँ बेताब है जब टूटा हुआ, हर ख्वाब है झूठ है ,  माना, की तू, मेरा यार है   ये भी झूठ है, की, अब भी तुमसे प्यार है हाँ , झूठ है, ये की, अब भी तुमसे प्यार है  

जब भी आना, तुम ऐसे आना

  जब भी आना, खुशरंग बनाना हँसी होंठो पे अपने, दबाके आना   राह तकते तकते, सिहर उठी हूँ हवा का रुख कुछ , घुमाँके आना   आँखें भी सुर्ख सी, होने लगी है काजल में दवा को, मिलाके लगाना   ना कोई नाम बाकी , रहा है ज़हन में मेरा नाम मुझी को , बतलाके जाना   तेरी याद की खातिर , जमाना लुटाया तेरे दिल में, ही एक घर , बनाके लाना   मैं अब भी हूँ तन्हा , पर उतनी नहीं हूँ   इज़ाफा तन्हाइयों में , करवाके जाना       कई किस्से, हो गए है, तेरी जफ़ा के कभी, दिल पे मरहम, लगाके जाना     उम्मींदें आज भी, ना होंगी मुकम्मल उम्मींदें आज भी, ना होंगी मुकम्मल कुछ होंसला सितमगर, दिलवाके जाना   दीदार -ए- इश्क़ की, आरजू थी जिनको कफ़न माटी पे उनकी, ओढवाके जाना श्यामिली

फ़िर मुस्कुरा दो

  मुस्कुरा दो , फ़िर मुस्कुरा दो  दिन के , ढलने से पहले मेरे , जाने से पहले, तेरे , बदलने से पहले   दिल की दिल में ना रख दुआ आने, दे लब पर दो कदम साथ तो चल राह बदलने से पहले   यादों का सफ़र तुमसे तन्हा ना कटेगा साथ कुछ पल तो बुन ख्वाब के रुलने से पहले   माना ना तय होगी दूरी जो है दरमियाँ मुड के बस देख ही ले साँस निकलने से पहले   तू सर का साया ना सही मेरी परछाई तो है करना याद फ़िर मुझे तन्हा सँभलने से पहले   दिल के टुकड़े अक्सर दिल तोड़ के जाते है काश आ जाता समझ आह निकलने से पहले   श्यामिली

खाली घोंसला

  होगा अपना भी घोंसला खाली, जब पर उनके आ जायेंगें होगी शामें भी तनहा, जब, सब, दूर चले जायेंगे याद बस यहीं रहेगा कैसे किया था आबाद कैसे बसाया था आशियाँ अब मकान भी घर कहलायेंगे   नन्हे नन्हे पाँव थे उसके नन्ही नन्ही उलझने थी तुतली तुतली बोली थी अब निशाँ भी नज़र ना आएंगे होगी शामें फ़िर तनहा, जब सब दूर चले जायेंगे   धुंधली धुंधली तस्वीरें होंगी खाली खाली से आँखे होगी कल वो अपने सफ़र में होंगे कल वो खुद का घोंसला बनायेंगे कल अपना घोसला खाली होगा जब उनके पर आ जायेगे   दुनिया की है रीत निराली मिला तभी, जब झोली, खाली कर डाली जितना पाया उतना लुटाया अब क्या खाक लेकर जायेंगे याद बस यहीं रहेगा कैसे किया था आबाद कैसे बसाया था आशियाँ अब मकान भी घर कहलायेंगे अब मकान भी घर कहलायेंगे   श्यामिली

नई शुरुआत

 Wishing You all, A very Happy New Year, May we all flourish in the new year and get back to normal life. We must have been understood, if we want to live in peace then we need to live in gratitude.    Let's start practicing Gratitude जो बीत गई, सौ बात गई कर लेंगे हम शुरुआत नई सपने नए, फ़िर बुन लेंगे बस दिन ढला, आएगी रात नई जो बीत गई सौ बात गई कर लेंगे कुछ शुरुआत नई   मिट्टी के घर, फ़िर नए होंगे मैले मन भी धुल जायेंगे , खुलके बरसी है फ़िर कुदरत फ़िर फूल नए मुसकाएँगे और काली फ़िर, कायनात हुई नींद में बंद, सारी बात हुई कर लेंगे कुछ शुरुआत नई जो बीत गई सौ बात गई   माना हम और तुम गुमराह रहे चलते रहने की, पर चाह रहे फ़िर समझे है, ठोकर खाके ऊपर वाले की बस, निगाह रहे उससे उलझने की औकात नहीं जस्बा नया है, खाई मात नहीं   जो बीत गई सौ बात गई कर लेंगे हम शुरुआत नई   अब और नहीं चौकाओ हमें भटके हैं राह, दिखाओ हमें नए साल की हो, शुरुआत सही फ़िर नई दिन से मिलवाओ हमें जब साथ हो तुम , डराएँ हालात नहीं हम ताकते हैं , दिखाओ, करामात नई जो बीत गई सौ बात गई कर लेंगे हम शुरुआत नई