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Showing posts from December, 2018

तू मान ले

Hello A few more couplets for you, let me also know, any suggestions on modified pen name. Which one is better.  तू मान ले तो आँसू,  तू मान ले तो शबनम तू मान ले तो है खुशी, तू मान ले तो है गम तेरे मांनने, पे दुनिया का वजूद है, तू  मान ले तो हमदम, तू कह दे तो चलदे हम  ये रात का सरूर ही रहने दो इसमें जाम मिला दिया तो तोबा होगी  हम ढूँढ नही पाए सकूँ अपने दिल का, वो हैं की रोज़ खुदा बदलते हैं  आज लफ़्ज़ भी कम पड़ने लगे लगता है, यादों ने भी दम तोड़ लिया       श्यामिली             

ये बात और है

ये बात और है,                       कि वो मुस्कुरा के मिला ये बात और है,                       ना कर पाए कोई, उससे गिला रूठ गए कभी -2,                       तो ख़ुद मान भी गए ये बात और है,                      तनहा ही चला अपना क़ाफ़िला वो दिन भी और थे,                     हरदम था मेरा नशा सैलाब था दिल में,                     हँसी में थी कहकशॉ ना मिल जाए कहीं,                      उसने रास्ते ही बदल लिए ये बात और है,              ना रुका,                     ज़स्बातों का सिलसिला      वो रात और थी,                     तोड़े थे जब, तारे मेरे लिए वो मुलाक़ात और थी,                     मीलों थे संग चले, मेरे लिए खाई थी मिलके क़समें,                    साथ था उम्र भर का ये बात और है,          जीवन बीत गया,                    ना वो इक पल, फिर मिला              शामिली

हम यहाँ नही होते, तो गालिब होते

Dear All A few couplets for all of you अभी खुश ना हो तू जिंदगी , तेरे वार से चटका तो हूँ बिखरा नहीं भीड़ में सकूँ ढूँढा , विरानियो में साथी फिर गुनाह दोहरा दिया जला दी आँधियों में बाती तेरी दीद ना चाहूँ तो क्या चाहूँ तेरा साथ तो मुक़द्दर की बात है जान नहीं पाए हम उनकी हसरतें , हम बिक गए जिनकें लिये, वो ख़रीदार ही ना था  मंदिर में भगवाँ नही, बस्ती मेरा इंसा नही, जाने किस सफर में हूँ , मिलता कोई जिंदा नही हम फिर ख़ील उठेंगे , तूफ़ाँ के बाद , आज मझदार में , मायूस ही रहने दो हर बात पे वाह वाह करते हो , आपके पयमाने पे शक ना हो तो क्या हो कभी तेरी , कभी मेरी खुशी मे कभी तेरे कभी मेरे गम मे ये हमेशा साथ रहते है और हम इन्हें कमबख़्त आँसू कहते है तेरे साथ साथ गुज़ारा मुश्किल है तो तेरे जाने के नाम से तन्हाई का ग़म क्यूँ है रहने दे मुझे इन ख़ामोशियों में तनहा तेरे साथ में तो रसवाइयो के मेले लगे है                                  शामिली

ये अनकहीं दास्ताँ है, तुमको आज सुनाता हूँ

ये अनकहीं दास्ताँ है, तुमको आज सुनाता हूँ साथ मेरे ना ख़त्म हो, इसलिए दोहराता हूँ जब आप बीती, हमने उन को सुनाई, करा बेठे ख़ुदही, इस जगमें हँसाई इससे अच्छा, हम ग़म ही पी लेते, इस बहाने ही सही, थोड़ा तो जी लेते सौ हम क़दम है मेरे, पर ख़ुद को अकेला पाता हूँ ये अनकहीं दास्ताँ है, तुमको आज सुनाता हूँ ज़िंदगी कटी तो, बात समझ आयी मुठठी वो रेत की थी, जो हमने छुपाई ख़त्म हुआ अब , रोज़ रोज़ का तमाशा लो उठ गया देखो, जीते जी, मेरा जनाज़ा सबको दूर जाता देख, ना जाने क्यूँ घबराता हूँ ये अनकहीं दास्ताँ है, तुमको आज सुनाता हूँ अब ना जाने कब, मुलाक़ात हो यारों जाने कब, फिरसे, कोई बात हो यारों ये मीलों की तन्हाई, कैसे कटेगी, ख़त्म होगा सफ़र, या फिर, पोह फटेगी वो बीतें लम्हे, ज़िंदगी से भरें, भूल नहीं पाता हूँ ये अनकहीं दास्ताँ है, तुमको आज सुनाता हूँ रहमत कुछ कर, तुझसे आस है बाक़ी इक नज़र तो देख, कुछ साँस है बाक़ी माना कि कट गयी, राह देखने में ज़िंदगी मेरी उम्मीद देख, तू आएगा, विश्वास है बाक़ी ना आया तू, ना तेरी याद भूला पाता हूँ ये अनकहीं दास्ताँ है, तुमको आज सुनाता हूँ जज

शामिली के दोहे

Hi every one, here, I am introducing my Pen name as SHAMILI, hope you like it. Shamili means an Angel, a Mountain, a Stone Slab, a Sacrificial Ladle and Silence. Hope it goes with my personality as well, Share your views to support me.     ज़िंदगी यूँ कट गयी              हाथ नहीं कुछ आए     दो घड़ी तो, साई जप              भवसागर तर जाए, ओ शामिली              भवसागर तर जाए,     तेरा मन तू जाने ना              चला जगत को पाने     हर दर तू क्यूँ भटक रहा              साई कहाँ भी ना माने, ओ शामिली              साई कहाँ भी ना माने     उसकी महिमा क्या कहे              उसकी महिमा अपार     जात पात ना जानता              साई भगत लगे पार, ओ शामिली              साई भगत लगे पार     करनी जैसी होएगी              साई रूप दिख जाए     करनी ऐसी कीजिए              साई मन मुसकाए, ओ शामिली              साई मन मुसकाए     देख देख मन साई को               मन अमृत हो जाए     आख़िरी पल जब आएगा               साई लीन हो जाए, ओ शामिली               साई लीन हो जाए      एक आस सुनो दीन की