दास्ताने इश्क़ है ये अपनी, ये ना कभी, रवाँ होती है
दास्ताने इश्क़ है ये अपनी
ये ना कभी, रवाँ होती है
उम्र तो ढलती ही, जाती है
मोहब्बत और जवाँ होती है
ये कैसे मान लें हम
क़ातिल है नज़र तेरी
घड़ी भर देखलो, जो हमको -2
ज़ख़्म पे अब-भी, दवा होती है
दास्ताने इश्क़ है ये अपनी
ये ना कभी, रवाँ होती है
दीवानगी ही तो, थी तुम्हारी
जो उम्र यूँ ही गुज़ार दी
ना ख़फ़ा होना हमसे, ये सोचकर -2
दीवानो से, तो, ख़ता होती है
अब ज़रा ख़ुद ही समझलो
हैं कई जो, अनकही बातें
मिलालों या, नज़र फिरसे
हसरते अब-भी, बयाँ होती है
दास्ताने इश्क़ है ये अपनी
ये ना कभी, रवाँ होती है
ना दिन रात बदले अपने
ना हालात बदले अपने
चाहो तो पूँछ लो चाँद से
। चाँदनी अब-भी, गँवा होती है
दास्ताने इश्क़ है ये अपनी
ये ना कभी, रवाँ होती है
शीतल खुराना
ये ना कभी, रवाँ होती है
उम्र तो ढलती ही, जाती है
मोहब्बत और जवाँ होती है
ये कैसे मान लें हम
क़ातिल है नज़र तेरी
घड़ी भर देखलो, जो हमको -2
ज़ख़्म पे अब-भी, दवा होती है
दास्ताने इश्क़ है ये अपनी
ये ना कभी, रवाँ होती है
दीवानगी ही तो, थी तुम्हारी
जो उम्र यूँ ही गुज़ार दी
ना ख़फ़ा होना हमसे, ये सोचकर -2
दीवानो से, तो, ख़ता होती है
दास्ताने इश्क़ है ये अपनी
ये ना कभी, रवाँ होती हैअब ज़रा ख़ुद ही समझलो
हैं कई जो, अनकही बातें
मिलालों या, नज़र फिरसे
हसरते अब-भी, बयाँ होती है
दास्ताने इश्क़ है ये अपनी
ये ना कभी, रवाँ होती है
ना दिन रात बदले अपने
ना हालात बदले अपने
चाहो तो पूँछ लो चाँद से
। चाँदनी अब-भी, गँवा होती है
दास्ताने इश्क़ है ये अपनी
ये ना कभी, रवाँ होती है
शीतल खुराना
Gajab
ReplyDeleteDon't be secret admirer
DeleteMadame nice, but where u take thoughts
DeleteSecret
DeleteIt's a different you. Versatile simply amazed.
ReplyDeleteApna introduction to de
Deleteबदल गए दिन
ReplyDeleteबदल गई रातें
अब तो अमावस भी
पूनम लगती है
तमस भरी ये जिंदगी
अब तो शीतल लगती है
(अप्रतिम शब्दों की बेल में दो शब्दों की शीतलता मेरी ओर से...बहुत उम्दा लिखा है आपने)
Shukriya
DeleteShukriya
ReplyDeleteVery nice 🎸💞
ReplyDelete💐
DeleteNice.
ReplyDeleteDexterity on the rise.
Heart Touching Lines🎯🎯....specially that one 'katil hai Nazar Teri'.....
ReplyDeleteGreat work Mam....keep going
Dheeraj
Thank you
DeleteVery beautiful poetry, Mam. Amazingly appealing. Regards.
ReplyDelete😊
DeleteThat's a good start for Saturday......and I was waiting for it....very beautiful lines mam...
ReplyDelete👍
Deleteउम्र तो ढलती जाती मोहब्बत और जवां होती है ...शीतल जी आपका जवाब नहीं ..अपनी इस हुनर को जारी रखे ..
ReplyDeleteMadam Bahot khoob
ReplyDeleteAb to Gulzar ji Ko insecurity ho rahi hogi
Very well said madam
Vikas
Bhagwan se daro
Deleteमिले थे यूँ जैसे कोई ख्वाब।जिसकी ना ताबीर होती है। अबतो जैसे रात के बाद फिर रात होती है। देख लो जो एक नजर फिर से बस यही जख्मो की दवा होती है।।
ReplyDeleteAmazing as usual.. love u
Love you too sweetheart, तुम अगर साथ देने का वादा करो, मैं यूँही मस्त नग्में लुटाता रहू
DeleteNice lines didi!!!
ReplyDeleteThank you
DeleteSimply awesome bhabhi 👏 👏👏
ReplyDeleteThanks buddy
Delete👍☺️
ReplyDeleteAwesome work bhabhi!!
ReplyDeleteThank you sooooo much
DeleteNo words mam ,it's so......
ReplyDeleteI am waiting for next ..
Pl always indicate your name
ReplyDeleteExcellent
ReplyDelete������
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