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Showing posts from February, 2022

बात ही कुछ और हों

  हम समझ ना पाए वो , बचपन की मजबूरियाँ ज़रा देखों तो , आज ज़ंजीरों के शायद,  जज़्बात ही कुछ और हों   अब तो लफ़्ज़ भी कम पड़ने लगे तेरी खेरियत - ए - ख़बर , मिले उस पार, तो,  बात ही कुछ और हों       अब बारिश भी भीगा ना पाए कौन सी धूप है यादों की मुझसे तुझको सुखाए, तो,  बात ही कुछ और हों       वक़्त बदला मौसम बदला , पर रूह ना बदल पायी ज़िम्मेदारियों को भी ख़ूब माने मुझसे तुझको निकाले, तो,  बात ही कुछ और हों   तेरे क़रार से ही अब तो, कुछ क़रार मिले बिछड़ बिछड़ कर भी हम मिले फिर एक बार, तो,  बात ही कुछ और हों      श्यामिली

शोर

  ये कैसा ख़ामोशियों का दौर है घनघोर सन्नाटा हर और है सहम जाती है रूह, ये कैसा पत्तों की सरसराहटों का शोर है दिल आज फिर सहमा सहमा है आसमां भी बैचेन है छाई काली घटा है किसी ने क्या याद किया कुछ तो हुआ जरूर उस और है सहम गई है रूह, ये कैसा पत्तों की सरसराहटों का शोर है ना जाने किस से कैसे तार हमारे जुड़ गए है अंधेरे में चलते चलते हम किधर, कैसे मुड़ गए है ना मरहम ना दुआ बस गहराइयों पर जोर है सहम गई है रूह, ये कैसा पत्तों की सरसराहटों का शोर है आस कैसी फिर बंधने लगी ओस की बूंदे जमने लगी कू कू कोयल करने लगी पोह की किरणे फटने लगी ना दिल में आना अब भूले से भी रास्ता अपना अब न तेरी और है अच्छा है ये ख़ामोशियों का दौर है घनघोर सन्नाटा हर और है सहम गई है रूह, ये कैसा पत्तों की सरसराहटों का शोर है श्यामिली

Season of love

Season of love, It’s a season of love Are you mazing now, Are you gazing now, What the reason of love Get the reason of love This is not love, my dear, This is not love Are you still not clear, This is not love In the season of love, Forget reason of love Season of love, It’s a season of love   Look Weather is of spring, How Summer can bring    Inspite of having fever You got new demeanor, Thoughts are colourful And You are quite hopeful Moves are on the tune Ready dinner from noon Looking forward for dove Take a step for above Season of love, It’s a season of love   Go and tell your near How much they’re dear Go and appreciate All are appropriate What you’ll do alone House won’t be home Go and pray today You’re blessed all day Put your hand in glove Go spk to all belove As it’s Season of love, It’s a season of love Season of love, It’s a season of love   Shyamili  

Bhagwat Geeta Verse 1.1

Hare Krishna everyone, In last 2 years I could learn only one verse of Bhagwat Geeta, this is the first verse of BG. धृतराष्ट्र उवाच धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सव: । मामका: पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत सञ्जय ॥ १ ॥ In the beginning, it was looking like, this is very simple verse and may not be even required in BG, but when I learnt the same from various ISKCON lectures, I relished the real nectar,  So here, I am requesting everyone to read BG with the help of authentic mentors. Pl forgive me if you find some incorrect words and correct me as well. क्यूँ बोला , धृतराष्ट्र ये होगा क्या अब , संजय करने गए, जब कौरव युद्ध   और क्या था, उनका काम   धर्मक्षेत्र हुआ, कुरुक्षेत्र कैसे पड़ा, ये नाम क्या सोचा, तुमने कभी क्या होगा, अंजाम   कर्म किए थे, कुरु ने जो काटे, हाथ और पांव धर्म की खेती, कर सोचा लूँगा बचा मैं, वंश तमाम   दुर्योधन, हमको लगे काम करे, बेकार लेकिन था, धृतराष्ट्र वो मोह था, जिसका काम मोह था, जिसका काम   कैसे भी, कुर्सी रहे ली, दुर्