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Showing posts from June, 2021

सर दर्द की दवा

भागवान, करती हो तुम कमाल बिन बात के बैठे बैठे हो गया ब्वाल तुमको मनाने का कोई हल बतादो मै तो हूँ पति बेचारा , कुछ तो मेरा करो ख्याल   सुनो , तुम भी हो, कौन से दूध से धुले पिचका हुआ मुँह, घुमों फ़िर भी फूले फूले आज चलेंगे , कल चलेंगे बड़े नेता हो जैसे , या पुरानी पिक्चर के हीरो मनचले   भागवान, सुबह सुबह मत शुरू होना कुछ नाश्ता तो दो , फ़िर चाहे कुरु होना समय कम है आज, जरा बिस्तर छोड़ दो मै हारा तुमसे , बस करो मेरा गुरु होना       सुनो , मै कुरु, तुम क्या खुद को पांडव समझो नाश्ता अब तो नहीं बनेगा , घर को अब खांडव समझो याद करो , कैसे मेरे पीछे पीछे आते थे समझाया तुमने जैज़ सालसा, अब तुम मेरा तांडव समझो     अरे , तुम तो फ़िर से बिगड़ गई देखो सुबह सुबह फ़िर से आई वही घड़ी दिन अभी तो बाकी है लड़ लेना, जाओ रसोई है खाली पड़ी   सुनो , सर दर्द अब तुमने मेरा कर दिया अब भोला-पन मुझको, ना दिखलाओ तुम इधर उधर की बातें छोडो जरा आकर सर मेरा थोड़ा दबाओ तुम   अब ऑफिस जाने का समय हुआ सर के लिए कर दूंगा दुआ कुछ खाना मिलेगा तो बोलो पड़ोसन का नि

गुज़ारिश

  कहो थोड़ा तुम थोड़ा, कह मै भी पाऊँ क्यूँ , रहे दिल की दिल में राज़ कहना जो चाहूँ कहो, थोड़ा तुम थोड़ा, कह मै भी पाऊँ है दूरी जो अपनी इसको कैसे मिटाऊँ   वो साया जो संग तेरे लहरा रहा था नया हमसफ़र कोई तुमने चुना था क्या होठो पे बातें थी तुमने छुपाई कहो याद मेरी क्या इक पल ना आई अटकले है बहुत पूछ तुमसे ना पाऊँ कहो थोड़ा तुम थोड़ा, कह मै भी पाऊँ   हाँ देखा था मैंने नज़र का चुराना तेरा, तन्हा वो होना बहाने बनाना मिला क्या है तुझको अब तो, ज़ाहिर करो ना थी, कभी हमसफ़र मै   यूँ तो मुझसे, डरो ना सफ़र और तन्हा ना तय कर मै पाऊँ    कहो थोड़ा तुम थोड़ा, कह मै भी पाऊँ   क्या है अपना पराया बात ये तो नहीं थी दिल से दिल ही मिला था हथकड़ी ना लगी थी ये बंधन जो तुमने बाँध लिया था  खुद इसको, ही बेडी का दर्जा दिया था  हजारों है मसले कैसे तुमको सुनाऊँ कहो थोड़ा तुम थोड़ा, कह मै भी पाऊँ   चलो वादा मुझसे नया ये भी ले लो चाहे इनकार समझो चाहे इकरार ले लो तुमको चेहरे की रोनक मुबारक हो जानम दो घड़ी देके मुझको जख्म उम्रो के भरदो है ये अंतिम गुज़ारिश आगे रह मै ना पाऊँ   अब तो, कहो थोड़ा तुम थोड़ा, कह मै भी पाऊँ    

तलाश

Hare Krishna May Krishna bless all with good physical and mental health, wealth and happiness. There is a great unrest everywhere because of Covid 19 and we are now realizing that we are just human beings and we are mortal. Lot of dear ones have lost their soulmate, family members & friends. This is just to indicate what are/ can be their realizations and their sorrows. May Krishna give strength to everyone to bear the loss.  We may also take learnings from the situation, to be more alive till we actually live and love the Krishna's creation and we should progress on spiritual path considering we are already running short of time. Hope you will agree with me. खो गए तुम कहाँ है ज़मी ना आसमां तितलियाँ उडती थी जिंदगी खिलती थी बेरंग है अब जहाँ धूप है बस यहाँ खो गए तुम कहाँ है ज़मी ना आसमां   आँख का नूर था थोड़ा मगरूर था   बिखरा बिखरा है चमन रूठा हमसे है सावन हस्के रोता हूँ तनहा तुमको ढूंढे अब कहाँ खो गए तुम कहाँ है ज़मी ना आसमां   दिल क्यूँ मायूस है क्या-क्या अफ़सोस है ढलका ढलका है ये द

इंतज़ार

  कभी धूप/बारिश, कभी कम्पन सा क्या हाल हुआ है, मौसम का क्या याद इसे भी, आया है कोई यार पुराना बचपन का   सुबह दोपहर, शाम और रात करते थे  हरपल , नई करामात दिन क्या महीनो, अब पता नहीं किसके कैसे, हो गए हालात   कोरोना ने क्या, गजब ढाया है इंसा को, इंसा से, दूर भगाया है खुद हो गए कैद, खुद के पिंजरे में पर बचपन का, शनिवार लौट आया है   हाँ , पूछ ना पाई, मैं हाल तेरा पर हाल तो, अच्छा होगा तेरा दुआ  मेरी  है, तू ठीक रहे मिलना ना जाने , कब होगा तेरा मेरा   ना ज़ूम फेसबुक में, है वो मज़ा पर सामने मिलना, अब है सज़ा चल मिट्टी पुरानी, फोटो से हटा कुछ बचपन के, चक्कर तो लगा   अच्छे दिन, जल्द ही आयेंगे फ़िर घूमने, हम तुम जायेंगे जल्द ही  होगा  ख़त्म, इंतज़ार बस मिलकर, मजे उड़ायेंगे बस मिलकर, मजे उड़ायेंगे   श्यामिली