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Showing posts from August, 2020

तेरी मर्जी

  करते है , करते ही रहेंगे, हम तेरा, इंतज़ार ना उतरा है, ना उतरेगा, कभी भी, अपना ये खुमार ये तेरी मर्जी है, तो तेरी मर्जी ही सही ना आया कभी , ना आना तू, चाहे इस भी बार   ना यादों में तेरी, और आसूँ बहाएँगें ना गम का राग, इस बार हम लगाएँगें ना तुझको भूलें, ना कभी भी भुलाएँगें गर खुदगर्जी है , तो खुदगर्जी ही सही आना ना आना , तेरी मर्ज़ी ही सही   सुना है बड़ा ही  अब,   आबाद है तू पर मेरा अब भी, किसी के बाद है तू जा खुल के जी ले, मुझसे अब आज़ाद है तू रह कर्जी तो , मेरा कर्जी ही सही आना जाना , तेरी मर्ज़ी ही सही   क्या याद करें , ना कुछ भूलें है मेले अब भी है , हम यादो में झूलें है आता अब भी तू दिखता है , आता अब भी तू दिखता है , नज़रों में अपनी, कैसी ये धूलें है सब फर्जी है, तू भी, फर्जी ही सही आना ना आना , तेरी मर्जी है, तेरी मर्ज़ी ही सही तो मर्जी ही सही   श्यामिली  

कभी तो हरी-नाम संकीर्तन कीजिये

गणेश चतुर्थी की सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ ;  May Lord Ganesha bless all of us Jai Ganesh Jai Ganesh Jai Ganesh Deva, Mata Jaaki Parvati Pita Mahadeva. A very Happy Ganesh Chaturthi to you and your family. पिता के प्यार को माता के दुलार को भाई बहन के अधिकार को कभी ना भूलिए   दुसरो की सम्पति को दुसरो के दम्पति को दूसरों को विपत्ति में कभी ना छेड़िए   आई हुई मुसीबत से मांगी हुई उस रहमत से वैष्णवों के सत्संग से कभी ना मुँह फेरिये   जिंदगी में यज्ञ को मन के भाव में कृतज्ञ को औषधि से आरोग्य को परस्पर उपर ही मानिये   जीवो की आत्मा को गुरु तथा महात्मा को सच्चिदानंद परमात्मा को कभी ना आहात कीजिये   हारी हारी जब मंजिल हो बिखरा मन जब बोझिल हो सारी रांहे जब ओझिल हो प्रारब्ध ही मंजिल मानिए क्यूँ फसना झूठी मैं मैं में क्यूँ फसना व्यर्थ के तन्मय से कब होंगे हरी के चिन्मय में कभी तो हरी-नाम संकीर्तन कीजिये   श्यामिली

हे कृष्णा

  हे गोविंद, हे कृष्णा, हे मेरे गिरिवर धारी तू ही हरी, तू ही दाता, तू ही तो है, कृष्ण मुरारी तेरी लीला तू ही जाने, हे मेरे मुरली मनोहर कितना ही गुणगान करूँ मैं, नगण्य तू मेरे बांके बिहारी   कौन है जाना, कैसे मैं जानू, कबसे मैं तुझसे जुडी हूँ हर रास्ता मैंने है नापा, हर बार तेरी तरफ मुड़ी हूँ हर दर तेरा दर था कान्हा, ये अब मैंने जा कर जाना तेरे दीद की, प्यास रहे बस, हैं तेरी सब, लीलाएँ न्यारी     हर रोम रोम मेरा बस, अब तो कान्हा, तुझको पुकारे तुझको भजे, तुझमे रमें, अब तो ये बस, तुझको निहारे तेरी कृपा, हो जो मुझ पर, ध्यान तेरे, चरणों में लगाऊँ तेरी लीला, है अपरम्पार, हे मेरे मोक्ष अधिकारी   नटखट मेरा कान्हा है, नटखट मेरा मन, भी ना जाने, चंचल भटके, माया है घेरे, कैसे भी ये ना माने कभी कभी, ये दुख है घेरे, कभी कभी, वो डर है डराए हर लो, मेरी सब दुविधाए, आई हूँ मैं, शरण तुम्हारी          तेरा जन्मदिन मनाऊँ कैसे, कैसे मैं तुझको रीझाऊँ हरे कृष्ण महामन्त्र भजूँ, तेरा परशाद हरदम पाऊँ, करूँ तेरा प्रचार हमेशा, हृदय में बात, ये लिखदो हमारी   मैं नादान ना

Happy Krishn Janmashtami

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  Hare Krishna A very Happy Janmashtami to all. On this auspicious occasion, accept my wishes, May Lord Krishna bless you all. All glories to the reader devotees. Let’s use all our senses in the service of our “Sachchidanand” and live to the fullest as per “His” wish.  फ़िर हो गए खामोश लब             फ़िर तेरा ख़याल आया फ़िर आँखो तले छाया अँधेरा              ना दरमियाँ निगाह-ए- जमाल आया क्या तू, अब भी है साथ मेरे             ना जाने क्यूँ, फ़िर से ये सवाल आया   कितना परखा,  और कितना परखना होगा              बड़ी राह देखी,  कितना  और  तकना होगा शर्मिंदा हूँ,  फिर  फ़ितरत पे अपनी              कितना भटका,  और कितना भटकना होगा वक़्त ने बेवक्त हो कर, फिर बदली हवा               वक्त  बदलते ही तेरे दर पे बेहाल आया  फ़िर हो गए खामोश लब             फ़िर तेरा ख़याल आया   जब साँस भी नहीं आती थी                तब भी तूने  ही तो  सराहा था ज़ुबां  जब  मेरी तुतलाती थी             मन की तू ही तो, समझ पाया था फिर  आज क्यूँ, धडकनों मे, उबाल है फिर  आज क्यूँ, धडकनों मे मेरी, उबाल है             क्यूँ हूँ बैचन, जब 

दास्ताँ

Hellozzzzz A very Happy Friendship week to all of you guys. Thanks a lot, for all your comments and personal messages.  Somehow I feel, you all like the poetry which you are able to relate with any of the Bollywood song. Do let me know if I understood correctly.  Based on my understanding, here is today's creation, based on composition of one of my all time favorite song, "Do Pal" from Veer-Zaara. This is also dedicated to all my friends as well, who contributed a lot, at various point of time, in the creation of Today's Sheetal Khurana. Yes, You are also a part of my journey. I have learnt a lot from you, as well. Accept my sincere gratitude, and Enjoy today's creation.  Hope you will like it.  कैसे कहूँ, बनी क्या दास्ताँ             क्या दिल को मिला, थी किसकी रज़ा कैसे हुई, ये जिंदगी  फ़तह             तुम थे या लगी, थी कोई दुआ   तुम थे या महकी , थी वो फिज़ा             तुम थे या हँसी , धीमे से आई थी तुम थे या बरसी थी वो घटा             तुम थे या न