Posts

Showing posts from December, 2019

कुछ नए वादे करो, नए साल

तोड़ कर रेकोर्ड, पिछले सो साल   सर्दी ने कर दिया, सबका बुरा हाल अब तो नया पिटारा खोलो घिसे इरादों को, नमस्ते करो फिलहाल कुछ नए वादे करो, नए साल मौसम कितना सर्द है दिल में कितना दर्द है अंतर मन को धोलो आज गलेगी इक दिन तुम्हारी भी दाल कुछ नए वादे करो, नए साल चलाएँगे केवल हरे पटाखे   क्या करना है वज़न घटाके अंगूर तो खट्टे ही निकलें  थोड़े सिर के बचालो बाल कुछ नए वादे करो, नए साल महंगा अब की हुआ प्याज़ सस्ती हो गई आबरू और लाज़ संस्कारों का हो गया सस्कार   क़ानून भी नाचे, मुजरिम की ताल कुछ नए वादे करो, नए साल खेलेंगे होली, केवल गुलाल से अपने बेटे बचाएँगे, हर दलाल से हर बहू-बेटी को, खिलता देखेंगे करेंगे बेहतर, कुछ देश की देखभाल कुछ नए वादे करो, नए साल रब अग्गे, अपना सीस निवाँएये जीथे जाएये, हसदे जाएये मन धर्म ते, सेवा विच लाईयें चेक इन विच, ना जाणा कुछ नाल कुछ नए वादे करो, नए साल    चलो अब मन ,  कुछ हल्का करते है पलके भिग़ाते है, ख़ुशी में हस्ते है क्या करेंगे लेके इतना ज्ञान गर्म काफ़ी पियो, समा बाँधो खुश-हाल   

मेरी दिल्ली

हालत, अपनी   हो गई, जैसे भीगी बिल्ली है समझ ना आए यारों मुझको, शिमला है, या दिल्ली है धुआँ धुआँ आँखो में,  बहता झर झर झरना हवा पहले दूषित थी,  अब और चिल्ली चिल्ली है NRC  को समझा नहीं,  CAA  भी आ गया JAMIA  को इसमें से,  जाने क्या क्या भा गया क़ानून ऊँची ऊँची दीवार में,  पहले   बनते थे अब जाने कैसे इनको बनाने,  उतरी मेरी दिल्ली है हालत, अपनी   हो गई, जैसे भीगी बिल्ली है सुबह की रात हो   गई,  शाम का पता, लगता नहीं बात ही बात हो गई,  विकास का पता, लगता नहीं काग़ज़ काले करते करते,  पब्लिक सड़क पे उतर गई उनके लिए वाह वाह करता        अपना शेख़ चिल्ली है हालत, अपनी   हो गई, जैसे भीगी बिल्ली है स्वेटर एक या दो पहने,        बीवी का यही मसला है पीएम मोदी और इक शाह  बीजेपी का अस्ला है       सोनिया गूँगे बेहरो से        सरकारें चलवाती है सोनिया गूँगे बेहरो से        सरकारें चलवाती है आम और ख़ास में झूझ रही        देखो अपनी दिल्ली है हालत, अपनी   हो गई, जैसे भीगी बिल्ली है श्यामिली

ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे

ना करना इंतज़ार ना करना इंतज़ार, की, राम आएँगे ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे तू धरा है, तू धारा भी बहा दे उफान से अपने तभी ये मारें जाएँगे ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे तेरी ममता का कोई मोल नहीं ये खोखल है, इनमें तोल नहीं तू जन्नी है, और काली भी तेरी आँख में, काजल और है लाली भी      अपनी रक्षा कर ,  ये ख़ुद ही जान जाएँगे ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे तू द्रौपदी है तो, दुशासन है सब कई आँखों वाले, धृतराष्ट्र है अब तू सपोलो को दूध पिलाना, तो बंद कर क्यूँ चुप है, कुछ तो द्वन्द कर     दो को धृतराष्ट्र बना, बाक़ी ख़ुद ही भाग जाएँगे  ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे तू झाँसी की रानी है, मर्दानी भी है तूने ख़ुद तलवार डाली है, उठानी अब है काट के रखदे, कुछ के तु सर  फाड़ दे कलेजा, अलग करदे, कुछ धड़ तू ख़ुद ही मुकम्मल है, सब पहचान जाएँगे ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे तू निर्मल सी बहती रही, कमजोर मान लिया तू छाया ही करती रही, बेज़ार जान लिया तू बहाँदे , उड़ादे, मिटादे , हर हस्ती जिनकी वहशत से ज़्यादा, है तेरी लाज़ सस्ती

निर्भया

क़ानून की आँख पर, पट्टी है बंधी हाथ में तराज़ू तो है, पाँव में बेड़ी है पड़ी  अब ये पट्टी खोल भी दो न्याय को तरसें है हर घड़ी हिंदुस्तान क़ब्रिस्तान हो गया खून जाने क्यूँ सफ़ेद हो गया अब ये पट्टी खोल भी दो अब नर कूचे- कूचे में जल्लाद हो गया हर बात राजनीति में मुद्दा है जल्लाद निर्भीक है ज़िंदा है अब ये पट्टी खोल भी दो हर माँ, देश की, शर्मिंदा है इक और निर्भया सिसकती गयी आख़री साँस तक तड़पती रही अब ये पट्टी खोल भी दो बचाओ, कई निर्भया है क़तार में खड़ी  ज़रा सोचो, कैसे, चीख़ी होगी कब तक, और नहीं, बोली होगी अब ये पट्टी खोल भी दो कैसे जीते जी, वो ज़ली होगी महसूस ना हुआ हो, तो करो एक काम इक उँगली जलालों, लो राम का नाम अब ये पट्टी खोल भी दो या बिन कपड़े घूम के देखो, एक बार सरे आम    नहीं तो खुल्ला व्यापार होगा       हर घर ही बाज़ार होगा    अब ये पट्टी खोल भी दो, वर्ना  क़ानून ख़ुद बिकने को तैयार होगा अब मेरे कान्हा, तू ही आजा  दीन अबला की लाज बचाजा क़ानून की आँख को सम्बल दे जा बिनती सुन ले, आस बंधाजा  श्यामिली