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Showing posts from August, 2021

Happy Janmashtami!

Hare Krishna to everyone May Lord Krishna fill your home with lots of happiness.  Let there be love, happiness and laughter in your life with Lord Krishna's blessings.  May Sri Sri Radha Radhika Raman ji , Krishna Balram ji , Sri Sri Gaur NitaiJi , Shri Shri Jagannath Subhadra maharani ji keep engage you in HIS services and always bless you Wishing you and your family a very Happy Janmashtami!   कोई कहे, तोहे मुरली मनोहर कोई कहे, तोहे वंसी व्जैया जाकी भावना, रही जैसी धरे रूप वैसा, कृष्ण कन्हैया   पल पल कंस को, मृत्यु दिखाई प्रभु संग गोपियां,   रास रचाई दरस को तरसे, देवकी माई मधुर लीला, कैसी रचाई जिसने जैसा, कर्म किया फल पाया तोसे, कृष्ण मुरारी जाकी भावना, रही जैसी धरे रूप वैसा, गिरवर धारी   धोबी का , किया संहार कुब्जा का , किया उद्धार अर्जुन पर किन्ही , कृपा अपरम्पार अब दीन लगाओ , भवसागर पार दर्सन कर ,   दर्सन को तरसे प्यास जगाओ , हे निरंजन जाकी भावना रही जैसी धरे रूप वैसा, हे श्यामसुन्दर

मरहम

  म रहम मत लगा द ेना नासूर को रहने दे अब मेरा कुछ पल और इसको जीने दे इसे हमदम रहने दे  अब  मेरा   तू न था जब, मेरे साथ ये ही तो था, दिन और रात दिखाये इसने, खूब तेरे ख़्वाब रखा बांधे, इसने साथ तेरा मरहम मत लगा देना नासूर को रहने, दे अब मेरा   दुनियां ने, कितना समझाया साथ इसका मेरा, छुट ना पाया रिश्ता तू तो निभा ना पाया साथ निभाया सदा इसने मेरा मरहम मत लगा देना नासूर को रहने दे  अब   मेरा   दिन ढला है , शाम भी जाने दे ना बेब्स बना , झूठ से दिल बहलाने दे ना छू, मेरे टुकड़ों को , बहाने से ना जोड़ पाऊं , इस बार अक्स मेरा कुछ पल और इसको जीने दे इसे हमदम रहने दे  अब   मेरा   बिन तेरे जीना सीख लिया कर मौज, ना कर मेरी चिंता तूने जो भी किया, क्या खूब किया हमदम ना बना , हमगम ना बन मेरा     म रहम मत लगा द ेना नासूर को रहने दे  अब   मेरा कुछ पल और इसको जीने दे इसे हमदम रहने दे  अब   मेरा     श्यामिली

एक वो है

  एक वो है की, याद हमें करते नहीं       एक हम है की, शायर हुए जाते है        एक वो है की, जहाँ में मसरूफ है एक हम है की, याद में जिए जाते है एक वो है की, मयखाने है उनको बहुत एक हम है की, अश्क़ पिए जाते है एक वो है की, खोजते रिश्ते नए   एक हम है की, बँधते चले जाते है एक वो है की, याद नहीं कोई दिन एक हम है की, घड़ियाँ गिने जाते है एक वो है की, मिलना भी है नागवार एक हम है की, इबादत किये जातें है एक वो है की, दिल से ना पहुंचे दिल तक एक हम है की, सजदे किये जाती है एक वो है की, जस्बात से बेपरवाह है एक हम है की, आयते पढ़ें जाते है एक वो है की , ज़माने से खफा है एक हम है की, दर्द दिल में ही दबाते है एक वो है की , दीवाने है जहाँ के एक हम है की , उनकी आरजू किए जाते है     एक वो है की , पा ना सके हमको एक हम है की , उनके ही हुए जाते है श्यामिली 

इंतज़ार

  तुझे भूलने की चाह अब ना-गवार सी लगती है बुरा बोलो, चाहे भला जिंदगी अब कारगर लगती है   तेरा जाना यूँ तो जानलेवा ही था   तेरे कमरे की फिजाँ आज भी खुशबूदार लगती हैं   चौखट की तरह दर पर खड़े ही रह गए हम तेरे कदमों की आहट    मुझे बारम्बार लगती है   तेरे बिना ही तुझको चाहा है मैंने कब से तेरे वजूद की माजूदगी तुझसे ज्यादा वफ़ादार लगती है   तूने कहा था साथी तू साथ सदा निभाएगा तेरी बेवफाई आज भी मुझको इकरार ही लगती है   दिल्फेक ना समझना ना ही वक़्त की फ़िराक में हूँ मेरी जिंदगी अब भी तेरी हाँ की, कतार में लगती है   क्या- क्या चाहत थी दिल-ए-नादान की तेरी महफ़िल मेरी कब्र के इंतज़ार में लगती है     श्यामिली