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Showing posts from February, 2021

मेरे ज़स्बात

Hi everyone, hope you guys are keeping well. My today's creation is primarily for those who celebrate valentine on all the days of February and then for those who have left or planning to stay apart to carry on their own journeys, I wish you, All the best. Do well. May Krishna bless you.    कैसी होती है, किसी की काया क्यूँ बस, इसका मोल लगाया कैसी होगी, किसी की नियत कोई चेहरे से ना, समझ पाया   सोचा था, वो मेरा अपना है पर जैसे ये इक, सपना है वादा भी झूठा, था उसका क्यूँ झूठे वादों में, तपना है   माना, कल ही की, बात है वो अब भी , बिन बरसी बरसात है घने काले, बादल थे खाली किस बिसात पर, खाई मात है   वो अपने ही, सफर पर था मंजिल अपनी की, डगर पर था ना उसने थी, उम्मीद जगाई सपना मेरी ही, नज़र में था             क्या धोखा, मैंने खाया है मेरे बदले , क्या उसने पाया है ये सब, खेल है उपर वाले का कब कौन, ये समझ पाया है   ना जाने कैसा, सरूर है ये   कितना पालू , नासूर है ये अपनी मैं में , मगरूर है ये अब दिलो दिमाग का, फितूर है ये   कितना

तुम हो

मेरे दिल से , मेरी रूह में    बस बसे तुम हो मेरा होने की , ना होने की वजह तुम हो थे मेरे तुम भी अपने थी तुमसे ही मोहब्बत टूटा दिल जब ये जाना सपने झूठे थे वो बेबस    वजह तुम हो हाँ, वजह तुम हो मेरी आह की मेरी चाह की अब जुबां तुम हो मेरा होने की , ना होने की वजह तुम हो   कभी तो तेरी यादों के  किस्से चल जाते है कभी तो यूँ चलते चलते सपने मिल जाते है देखें तो साथ मेरे परछाई भी बहुत है अब बिन तेरे जीने को तन्हाई ही बहुत है वजह तुम हो हाँ, वजह तुम हो मेरे हसने का , मेरे रोने का सिलसिला तुम हो मेरा होने की , ना होने की वजह तुम हो   कभी तो सूनी साँसे मेरी तुझसे कतराती है कभी कभी बैचेनी मेरी तुमसे टकराती है तूने जो मुझको बांटे वो आँसू अब नहीं है तेरे संग थे जो काटे वो लम्हे अब नहीं है वजह तुम हो हाँ, वजह तुम हो मेरे बनने से मेरे बिखरने की दास्ताँ तुम हो मेरा होने की , ना होने की वजह तुम हो   श्यामिली    

प्रेम

Hellossss everyone, A very Happy Valentine week to all of you. Hope you, guys are enjoying your week. I just want to understand Whether it is a week of love, or you have love for a week. And imagine how things were going around before 20-25 years back, when valentine was not so common. People were in love, trust me, things were all ok. Rather better.    With no offences, I would like to represent Love from a different prospective. Hope you all will like it. वैलेंनटाइन की रीत बनाई सुध-बुध अपनी, गई बिसराई प्रेम की चलो, देखे परिभाषा प्रेम-रीत, सदा से चली आई   फूलों का खिलना, प्रेम है सूरज का ढलना, प्रेम है मीरा की आस, प्रेम है राधा का प्रयास, प्रेम है   मात पिता का प्रेम, वात्सल्य भाई बहन का प्रेम, अतुल्य कृष्ण सुदामा, सखा प्रेम का भाव लोक लाज भी, है प्रेम स्वभाव   वर्षो का अभ्यास, प्रेम है अपनों पर विश्वास, प्रेम है सीता माता बेदाग़, प्रेम है भीष्म का परित्याग, प्रेम है     शबरी की जूठन, राम ने खाई हिस्से लक्ष्मण के, संजीवनी आई धागा प्रेम का, था ऐसा बाधा उर्मिला जी थी, जीवन आधा   गोपियों

Stress Stress Stress

  Stress Stress Stress Stress Stress Stress Don’t have time I have stress Sour in Lime I have stress What to wear I have stress She is dear I have stress EX is happy I have stress He is pappy I have stress Sunny weather I have stress Wearing leather I have stress Heavy rainfall I have stress Market downfall I have stress Safari Tickets NA I have stress AC in jungle NA I have stress Daily Hard work I have stress No money, No work I have stress Stress Stress Stress Stress Stress Stress   Live Live Live Just Live live live How Leave Leave Leave Just Leave Leave Leave   Don’t have time Twanu KI Sour in Lime Sanu KI What to wear Kam Muka She is dear Syappa pa EX is happy Fite Muh He is pappy Ki fir karu Sunny weather Maje kar Wearing leather Na kar fikr Heavy rainfall Ander mar Market downfall Invest kar Safari Tickets NA Shopping JA AC in jungle NA Khasma nu kha Dai