तेरी मर्जी
करते है , करते ही रहेंगे, हम तेरा, इंतज़ार ना उतरा है, ना उतरेगा, कभी भी, अपना ये खुमार ये तेरी मर्जी है, तो तेरी मर्जी ही सही ना आया कभी , ना आना तू, चाहे इस भी बार ना यादों में तेरी, और आसूँ बहाएँगें ना गम का राग, इस बार हम लगाएँगें ना तुझको भूलें, ना कभी भी भुलाएँगें गर खुदगर्जी है , तो खुदगर्जी ही सही आना ना आना , तेरी मर्ज़ी ही सही सुना है बड़ा ही अब, आबाद है तू पर मेरा अब भी, किसी के बाद है तू जा खुल के जी ले, मुझसे अब आज़ाद है तू रह कर्जी तो , मेरा कर्जी ही सही आना जाना , तेरी मर्ज़ी ही सही क्या याद करें , ना कुछ भूलें है मेले अब भी है , हम यादो में झूलें है आता अब भी तू दिखता है , आता अब भी तू दिखता है , नज़रों में अपनी, कैसी ये धूलें है सब फर्जी है, तू भी, फर्जी ही सही आना ना आना , तेरी मर्जी है, तेरी मर्ज़ी ही सही तो मर्जी ही सही श्यामिली