हे कृष्णा

 

हे गोविंद, हे कृष्णा, हे मेरे गिरिवर धारी

तू ही हरी, तू ही दाता, तू ही तो है, कृष्ण मुरारी

तेरी लीला तू ही जाने, हे मेरे मुरली मनोहर

कितना ही गुणगान करूँ मैं, नगण्य तू मेरे बांके बिहारी

 

कौन है जाना, कैसे मैं जानू, कबसे मैं तुझसे जुडी हूँ

हर रास्ता मैंने है नापा, हर बार तेरी तरफ मुड़ी हूँ

हर दर तेरा दर था कान्हा, ये अब मैंने जा कर जाना

तेरे दीद की, प्यास रहे बस, हैं तेरी सब, लीलाएँ न्यारी 

 

हर रोम रोम मेरा बस, अब तो कान्हा, तुझको पुकारे

तुझको भजे, तुझमे रमें, अब तो ये बस, तुझको निहारे

तेरी कृपा, हो जो मुझ पर, ध्यान तेरे, चरणों में लगाऊँ

तेरी लीला, है अपरम्पार, हे मेरे मोक्ष अधिकारी

 

नटखट मेरा कान्हा है, नटखट मेरा मन, भी ना जाने,

चंचल भटके, माया है घेरे, कैसे भी ये ना माने

कभी कभी, ये दुख है घेरे, कभी कभी, वो डर है डराए

हर लो, मेरी सब दुविधाए, आई हूँ मैं, शरण तुम्हारी     

 

तेरा जन्मदिन मनाऊँ कैसे, कैसे मैं तुझको रीझाऊँ

हरे कृष्ण महामन्त्र भजूँ, तेरा परशाद हरदम पाऊँ,

करूँ तेरा प्रचार हमेशा, हृदय में बात, ये लिखदो हमारी  

मैं नादान ना कुछ जानूँ, ले लो बस शुभकामनाये हमारी

हे गोविंद, हे कृष्णा, हे मेरे गिरिवर धारी

करो कृपा, ध्यान लगाओ, हे मेरे कृष्ण मुरारी

 

हे गोविंद, हे कृष्णा, हे मेरे गिरिवर धारी

तू ही हरी, तू ही दाता, तू ही तो है, कृष्ण मुरारी

तेरी लीला तू ही जाने, हे मेरे मुरली मनोहर

कितना ही गुणगान करूँ मैं, नगण्य तू मेरे बांके बिहारी

 

श्यामिली

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