एक वो है
एक
वो है की, याद हमें करते नहीं
एक
हम है की, शायर हुए जाते है
एक
वो है की, जहाँ में मसरूफ है
एक
हम है की, याद में जिए जाते है
एक
वो है की, मयखाने है उनको बहुत
एक
हम है की, अश्क़ पिए जाते है
एक
वो है की, खोजते रिश्ते नए
एक
हम है की, बँधते चले जाते है
एक
वो है की, याद नहीं कोई दिन
एक
हम है की, घड़ियाँ गिने जाते है
एक
वो है की, मिलना भी है नागवार
एक
हम है की, इबादत किये जातें है
एक
वो है की, दिल से ना पहुंचे दिल तक
एक
हम है की, सजदे किये जाती है
एक
वो है की, जस्बात से बेपरवाह है
एक
हम है की, आयते पढ़ें जाते है
एक
वो है की, ज़माने से
खफा है
एक
हम है की, दर्द दिल में ही दबाते है
एक
वो है की, दीवाने है
जहाँ के
एक
हम है की, उनकी आरजू
किए जाते है
एक
वो है की, पा ना सके
हमको
एक
हम है की, उनके ही हुए
जाते है
श्यामिली
👏👏👍👍
ReplyDeleteWah ji
ReplyDeleteVery good 👍 👏
ReplyDeleteVery fine language and meanings.
ReplyDeleteBahut khubh
ReplyDelete✌
ReplyDeleteWah wah 👌👌
ReplyDeleteVery nice madam
ReplyDeleteAap ka jawab nahi
ReplyDelete👌👌
ReplyDeleteएक वो हैं की जमाने से खफा हैं , एक हम हैं की दर्द दिल में ही दबाते हैं ।
ReplyDeleteWah ! Madam , Super se bhi upar . It's just Gagari me Sagar . Superb combinations of feelings 🙏🙏🙏🙏
Very well versed.. kudos to you madam 👏
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