सबका वक्त आएगा
कौन किसके साथ है कैसे कौन समझ पायेगा सबकी अपनी अपनी पारी है वो खुद को पार लगाएगा सब अपना अपना सोचेंगे जब सबका वक्त आएगा आज वो उसकी टीम में है क्यूँ मेरा साथ निभाएगा टीम बदलने के साथ ज़ज्बात भी बदल जायेगा सब अपना अपना सोचेंगे जब सबका वक्त आएगा क्या हार जीत का चक्कर है ये सब यहीं रह जायेगा क्या हार जीत के चक्कर में अपनो से मुंह फिरायेगा सब अपना अपना सोचेंगे जब सबका वक्त आएगा आज साथ है , कल का नहीं भरोसा कल तू फिर पछतायेगा खेल खत्म पैसा हज़म कल फिर से काम पर लग जायेगा कब तक अपना अपना सोचेंगा ये वक्त ना जाकर आएगा श्यामिली