जाने वाले चले गए, उनकी याद बस बाक़ी है
जाने वाले चले गए उनकी याद, बस बाक़ी है उनके लिए क्या नहीं किया ये एहसास ही बाक़ी है धूप में छांव से थे वो ख़ुद ही गाँव से थे वो आँसू बह के सूख गए मन में घाव ही बाक़ी है उनके लिए क्या नहीं किया ये एहसास ही बाक़ी है वो हमसे दूर कैसे होंगे हम मजबूर कैसे होंगे हर क़दम पे उनके निशाँ होंगे बस हमको चलना बाक़ी है जाने वाले चले गए उनकी याद बस बाक़ी है एक दिन सबको जाना है फिर काहे को इतराना है दिल को कुछ हल्का ही रख्खो अभी, वक़्त का मोहरा बाक़ी है जाने वाले चले गए उनकी याद बस बाक़ी है बीपी, शुगर और कई ग़म उम्रों से ना माने हम मुठी रेत की खोल दें पैमाना जब तक बाक़ी है जीते जी उनको भी देंखे सम्भाले जो भी बाक़ी है जाने वाले चले गए उनकी याद बस बाक़ी है श्यामिली