बेसबब दिल को दुखाने की ज़रूरत क्या है
Dear All, you might have listen to the famous Gazal sung by Jagjit Singh ji, Besabab Ba’at Bhadane ki zarurat kya hai, on the same composition, i have written today’s poetry, hope you will be able to sing it along with me, do let me know.
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
दिल में बैठों को भुलाने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
आह निकली है, उसे देख के
नज़र जब भी मिले
आह को दिल में दबांने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
वो समझ पाए ना, चमक अशको की
तो लब क्यूँ कहें
दास्ताँ होंठों पे लाने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
उसका आना भी, तसव्वुर था
ये समझे ही ना थे
उसका जाना भी समझने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
रूह से रूह ही ना, मिल पाई तो
ये गम कैसा
राह से राह, मिलाने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
श्यामिली
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
दिल में बैठों को भुलाने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
आह निकली है, उसे देख के
नज़र जब भी मिले
आह को दिल में दबांने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
वो समझ पाए ना, चमक अशको की
तो लब क्यूँ कहें
दास्ताँ होंठों पे लाने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
उसका आना भी, तसव्वुर था
ये समझे ही ना थे
उसका जाना भी समझने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
रूह से रूह ही ना, मिल पाई तो
ये गम कैसा
राह से राह, मिलाने की
ज़रूरत क्या है
बेसबब दिल को दुखाने की
ज़रूरत क्या है
श्यामिली
Nice lines keep writing...
ReplyDeleteNice one. I was correlating with the original by Jagjit Sahab. Keep rocking and keep writing.
ReplyDeleteMadam ji, तुहाडे नाल comparison is just next to impossible.
ReplyDeleteNo one can stand in front of you.
Very well composed.
@ vikram
It's a Masterstroke
ReplyDeleteVery nice sheetal proud you
ReplyDelete👍 very good poem, Mam
ReplyDeleteLovely poem Mam. Sorry for reading late...its awesome.
ReplyDeleteAwesome wah bahut khub wah
ReplyDelete