कुछ नए वादे करो, नए साल

तोड़ कर रेकोर्ड, पिछले सो साल  
सर्दी ने कर दिया, सबका बुरा हाल
अब तो नया पिटारा खोलो
घिसे इरादों को, नमस्ते करो फिलहाल
कुछ नए वादे करो, नए साल

मौसम कितना सर्द है
दिल में कितना दर्द है
अंतर मन को धोलो आज
गलेगी इक दिन तुम्हारी भी दाल
कुछ नए वादे करो, नए साल

चलाएँगे केवल हरे पटाखे  
क्या करना है वज़न घटाके
अंगूर तो खट्टे ही निकलें 
थोड़े सिर के बचालो बाल
कुछ नए वादे करो, नए साल

महंगा अब की हुआ प्याज़
सस्ती हो गई आबरू और लाज़
संस्कारों का हो गया सस्कार  
क़ानून भी नाचे, मुजरिम की ताल
कुछ नए वादे करो, नए साल

खेलेंगे होली, केवल गुलाल से
अपने बेटे बचाएँगे, हर दलाल से
हर बहू-बेटी को, खिलता देखेंगे
करेंगे बेहतर, कुछ देश की देखभाल
कुछ नए वादे करो, नए साल

रब अग्गे, अपना सीस निवाँएये
जीथे जाएये, हसदे जाएये
मन धर्म ते, सेवा विच लाईयें
चेक इन विच, ना जाणा कुछ नाल
कुछ नए वादे करो, नए साल
  
चलो अब मन, कुछ हल्का करते है
पलके भिग़ाते है, ख़ुशी में हस्ते है
क्या करेंगे लेके इतना ज्ञान
गर्म काफ़ी पियो, समा बाँधो खुश-हाल   
कुछ नए वादे करो, नए साल
कुछ नए वादे करो, नए साल

श्यामिली







Comments

  1. Ha Ha this was too good considering the present scenario. Good that you caught the clock by its hands with the help of your words. Have a lovely weekend.

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  2. Wah wah. U covered wide aspects wonderfully. Proud of u bhabhi

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  3. Well said 👌 Cheers to a New Year 🥂 nd another chance for us to get it right 👍

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