ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे
ना करना इंतज़ार
ना करना इंतज़ार, की, राम आएँगे
ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे
तू धरा है, तू धारा भी
बहा दे उफान से अपने
तभी ये मारें जाएँगे
ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे
तेरी ममता का कोई मोल नहीं
ये खोखल है, इनमें तोल नहीं
तू जन्नी है, और काली भी
तेरी आँख में, काजल और है लाली भी
अपनी रक्षा कर, ये ख़ुद ही जान जाएँगे
ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे
तू द्रौपदी है तो, दुशासन है सब
कई आँखों वाले, धृतराष्ट्र है अब
तू सपोलो को दूध पिलाना, तो बंद कर
क्यूँ चुप है, कुछ तो द्वन्द कर
दो को धृतराष्ट्र बना, बाक़ी ख़ुद ही भाग जाएँगे
ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे
तू झाँसी की रानी है, मर्दानी भी है
तूने ख़ुद तलवार डाली है, उठानी अब है
काट के रखदे, कुछ के तु सर
फाड़ दे कलेजा, अलग करदे, कुछ धड़
तू ख़ुद ही मुकम्मल है, सब पहचान जाएँगे
ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे
तू निर्मल सी बहती रही, कमजोर मान लिया
तू छाया ही करती रही, बेज़ार जान लिया
तू बहाँदे , उड़ादे, मिटादे , हर हस्ती
जिनकी वहशत से ज़्यादा, है तेरी लाज़ सस्ती
तू शूल भी, त्रिशूल भी, ख़ुद शंकर शीश निवाएँग़े
ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे
कितना सहा तूने, अब जल्लाद की बारी है
कोई कितना वहशी, दरिंदा हो, तू कभी ना हारी है
उसको उसकी माँ ही याद आए,
वो हर दम दर्द में कर्राए
लोग सोच हरदम सिहर उठे,
जब सपने में भी ख़्याल आए
दो खून के आँसू बहादे उसके
कितनी आहों को सकूँ मिल जाएँगे
ना करना इंतज़ार, की, श्याम आएँगे
श्यामिली
आपका आक्रोश आपकी कविता में बहुत खूब आकर्षित हो रहा है और होना भी चाइए। ऐसा बर्बरीक कृत्य कभी भी बर्दाश्त नही होता। आपने कविता के माध्यम से बहुत अच्छा लिखा।
ReplyDeleteWell said ji
ReplyDeleteIndian woman are capable enough to handle that type of nonsense
Well said👍👍
ReplyDeleteGreat 👍 Girl Power💃⚡
ReplyDeleteWell said 👌👌
ReplyDeleteVery nice, madam
ReplyDelete@vikram