क्यों है

Hi everyone

My today's creation is inspired by a famous gazal of Janab Kaifi Azmi "कोई ये कैसे बताये के वो तन्हा क्यों है" , hope you will like it and do let me know if you are actually able to sing it


हम उसे कैसे बताये के
            गुमनाम क्यों है
अब भी जिए जाते है संग उसके
            वो अनजान क्यों है
वो जो गुलशन में बहारें थी
            वो वीरान क्यों है
क्यूँ छुपाते है सभी से, के
            उससे पहचान क्यों है

वो जरा पास जो आ जाए
            तो बढ़ जाए धड़कन
उसकी सांसो में बिखर जाए
            हमारा मधुबन
ऐसी फितरत, है जो आखिर तो
            ये पर्दा क्यों है

आज भी याद है मुझकों        
            वो सिहरना  तेरा
मेरी हर राह पे, बेबस सा
            ठहरना तेरा
ऐसी बेताबी है तो इतना
            सब्र सा क्यों है

आह उठी है तो सुलगाएगी    
            दुनिया ये तेरी
बे वजह जान ना ले जाए
            दूरी ये तेरी
आजमाइश है मेरी, रंग उसका  
            उड़ा सा क्यों है

वो ना आए, है ना आयेंगे
            ए दिल ना धडक
उसकी आहट भी ना आएगी
            कहीं दूर तलक
इतनी दूरी है, तो फ़िर इतना  
            तहलका क्यों है

ये सफ़र तनहा गुज़र जाए
            मुमकिन ना सही
उसकी चाहत ना मिल पाए कभी
            तो यादें ही सही
दूर तक फेला समंदर है,
तो प्यासा क्यों है

तू तो कहले, दिले जा की
            वो चाहें तो सुने
उसकी राह उस की ही है चाहे            
            जो मंजिल वो चुने
यही होना है तो रस्ता,

            मेरा तकता क्यों है


श्यामिली


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