खाली घोंसला
होगा अपना भी घोंसला खाली,
जब पर उनके आ जायेंगें
होगी शामें भी तनहा,
जब, सब, दूर चले जायेंगे
याद बस यहीं रहेगा
कैसे किया था आबाद
कैसे बसाया था आशियाँ
नन्हे नन्हे पाँव थे उसके
नन्ही नन्ही उलझने थी
तुतली तुतली बोली थी
अब निशाँ भी नज़र ना आएंगे
होगी शामें फ़िर तनहा,
जब सब दूर चले जायेंगे
धुंधली धुंधली तस्वीरें होंगी
खाली खाली से आँखे होगी
कल वो अपने सफ़र में होंगे
कल वो खुद का घोंसला बनायेंगे
कल अपना घोसला खाली होगा
जब उनके पर आ जायेगे
दुनिया की है रीत निराली
मिला तभी, जब झोली, खाली कर डाली
जितना पाया उतना लुटाया
अब क्या खाक लेकर जायेंगे
याद बस यहीं रहेगा
कैसे किया था आबाद
कैसे बसाया था आशियाँ
अब मकान भी घर कहलायेंगे
अब मकान भी घर कहलायेंगे
श्यामिली
Kya baat, kya baat 👍
ReplyDeleteSuperhit hai madam, very touchy.
ReplyDeleteLekin yahi to sachai hai, zindagi बेरहम है।।।।
@vikram
👏👏👏👏
ReplyDelete👌
ReplyDeleteSumtym lyf is 2 hard 2 b alone nd sumtym lyf is 2 gud 2 b alone...sad reality of lyf 😞
ReplyDelete👏👏👏
ReplyDeleteBahut sunder, natural beauty of Life cycle madam . dinesh
ReplyDelete👍👌👌🙏
ReplyDelete👍👌👌🙏
ReplyDeletevery nice lines mam
ReplyDelete👃
ReplyDeleteBahut khub..😀
ReplyDeleteBeautiful di ����
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर
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