फ़िर मुस्कुरा दो
मुस्कुरा दो,
फ़िर मुस्कुरा दो
दिन के, ढलने से पहले
मेरे, जाने से पहले,
तेरे, बदलने से पहले
दिल की दिल में ना रख
दुआ आने, दे लब पर
दो कदम साथ तो चल
राह बदलने से पहले
यादों का सफ़र तुमसे
तन्हा ना कटेगा
साथ कुछ पल तो बुन
ख्वाब के रुलने से पहले
माना ना तय होगी
दूरी जो है दरमियाँ
मुड के बस देख ही ले
साँस निकलने से पहले
तू सर का साया ना सही
मेरी परछाई तो है
करना याद फ़िर मुझे
तन्हा सँभलने से पहले
दिल के टुकड़े अक्सर
दिल तोड़ के जाते है
काश आ जाता समझ
आह निकलने से पहले
श्यामिली
👌👍😊
ReplyDelete👍👍👍
ReplyDeleteBahut khoob
ReplyDelete👍👍
ReplyDeleteWah ji wah🤗🤗
ReplyDeleteA recall of golden time , very interesting and deep meaning madam 🙏🙏 dinesh
ReplyDeleteKumar Sharma
👃
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteExcellent one and heart appealing
ReplyDeleteGood
ReplyDeleteआह ..वाह
ReplyDelete