मैं भी चौक़ीदार हूँ
मैं भी चौक़ीदार हूँ
हाँ, मैं भी चौक़ीदार हूँ
धूमिल होते पर्यावरण का
हाथों में खनकते कंगन का
हर संघर्ष का, परिवर्तन का,
माथे पे लगे उस चंदन का
हर चित्र का चित्रकार हूँ
मैं भी चौक़ीदार हूँ
हाँ, मैं भी चौक़ीदार हूँ
ना माटी होने, दूँगा चमन
ऊँचा ही हो, सदा नाम-ए-वतन
चाहे मिट्टी हो, मेरा तन-मन
कुछ काम आ जाए, मेरा वो कफ़न
मैं तत्पर हूँ, हाँ तत्पर हूँ, तैयार हूँ
मैं भी चौक़ीदार हूँ
हाँ, मैं भी चौक़ीदार हूँ
इंसानियत ना शर्मिन्दा हो
ना मरना जब तक ज़िंदा हो
आज़ादी अब ख़ुद से ही पानी है
आज़ाद हर इक बाशिंदा हो
अधिकार नहीं,
अधिकार नहीं,
मैं आज़ादी का ज़िम्मेदार हूँ
हाँ, मैं भी चौक़ीदार हूँ
हाँ, मैं भी चौक़ीदार हूँ
भ्रूण हत्या रोकना है अब
हर बालक शिक्षित करना है अब
ना अपने वतन में, बेगारी रहे
मिलजुल कर आगे, बढना है अब
क्या नया भारत देखने को बेक़रार हो
क्या तुम भी ज़िम्मेदार हो
क्या तुम भी दावेदार हो
क्या सचमुच तुम तैयार हो
क्या तुम भी चौक़ीदार हो
क्या तुम भी चौक़ीदार हो
श्यामिली
Ji hum bhi chowkidar h
ReplyDeleteJabaradast
ReplyDeleteJabardast
ReplyDeleteSuperb 👍 👏👏👏
ReplyDeleteनही हूँ मै चौकिदार ..नहीं होता मुझसे यह झूठी उम्मीदों का व्यापार ।इंसानियत भी शर्मिंदा हैं ...मर गयी आत्मा बस जिस्म जिन्दा हैं ।।
ReplyDeleteSuberb ��
Is shriti ke niyam ka palan karane ko tayar hu.
ReplyDeleteHa Mai bhi chaukidar hu.
👏👏👏
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteजय हिंद
ReplyDelete@vikram
Thank you everyone, thanks alot
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