मेरा ख़्याल


ना अपना 
हुस्न संभला
ना इश्क़ तेरा 
सम्भाल पाए
अब तक तो 
ख़ुद से ख़फ़ा थे
कैसे तेरा नुक़्स 
निकाल लाए
ना वीरानी 
घटी मन की
ना गुलशन तेरी 
फ़िज़ा को किया
बस घुटते गए, 
धुएँ में अपने
कर्मों की शायद 
कोई ढाल आए
तू बेवफ़ा 
यूँही तो नहीं
कुछ तो तेरा भी 
गम होगा
सन्नाटा 
हरसु तकता है
साया तो तेरा भी 
नम होगा
होगी मजबूरी, 
जुबाँ भी होगी ख़ामोश 
अभी तो इब्तिदा है
       अभी ना आएगा होश
जब बालों की बदली,
       उजली होगी
कुछ नज़र तुम्हारी
       धुंधली होगी
ख़ाली होंगे
जब दोनो हाथ 
बीता समय होगा
       अपने साथ
मीठा दर्द भी 
होगा दाँत में
खाना ना पचता 
होगा आँत में
जब बच्चे करेंगे 
       काएँ काएँ       
हवा भी लहराएगी 
       साएँ साएँ
शायद तुझे 
       मेरा ख़याल आए
शायद मन में 
       कुछ मलाल आए
तब राहें फिर से
       टकराने देना
बीती बातों को 
       दोहराने देना
यादों की सिलवट को
       सहलाने देना
क़िस्मत पे पड़ी धूल
       हटाने देना
तुम थामना 
       मेरा हाथ फिरसे
कहना अपने
       जज़्बात फिरसे
वादा है मेरा
       सुनूँगी तेरा फसाना    
वो उसका रूठना 
       और तेरा मनाना
वादा है मेरा
       भूलूँगी तेरा यूँ जाना
मेरा राह देखना
       ना तेरा लौट के आना    
कुछ अपनी अपनी 
       भी बातें होगी
कुछ तेरी मेरी
       मुलाक़ातें होगी
दुआ है मेरी
       तू हर हाल आए
दुआ है मेरी
       मेरा ख़याल आए
दुआ है मेरी
       मेरा ख़याल आए

श्यामिली


Comments

  1. Duaa hai Meri mera khayal aaye... Sundar..

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  2. Bht khoob likha hai aapne aaj madam
    Bas dua m zaroor yaad rakhna kyu ki hame dua ki bht zaroorat hai

    Very nice presentation.

    @vikram

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  3. शीतल, बहुत सुंदर लिखती हो आप। बहुत गहराई है भाव मे 👌

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  4. Very nice...
    Regards
    Sanjeev

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