मन जाने ना
Thank you so much all, for keep telling me where m going off the track. Today’s creation is fusion of compositions. Hope you will like it, do let me know your feedback.
मन जाने ना
मन जाने ना
क्यूँ मैं,
तुमसे मिलूँ,
क्यूँ छुपूँ
मन जाने ना
क्यूँ है इतनी ख़ुमारी
कैसी है बेक़रारी
शब मैं काटूँ बैचारी
पर यें, वो माने ना
वो जाने ना
मन जाने ना
उसने मन को छुआ
जाने क्या क्या हुआ
है ये कैसा धुआँ
सुलगायें ना
झुलसायें ना
मन जाने ना
मेरी माने ना
आओ तो संग है तरंग है उमंग
रूठो तो दिल के उड़े सारे रंग
बैठो दो घड़ी,
नज़रें क्या लड़ी
तुम तो हो गए दंग
मानो तो सही
जो है अनकही
कबसे खड़े है हम
क्यूँ माने ना
मन जाने ना
मेरी माने ना
श्यामिली
Bhut khub ...
ReplyDeleteNice mam
ReplyDelete👍👏
ReplyDelete👌👌👌👌💐💐
ReplyDeleteBahut Achhe...this piece was good conjure of creativity n light yet convicted thoughts. Bravo!!!
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