भगवत गीता- गुणगान

Hello everyone, As all of you are aware, Geeta Jayanti is about to come and ISKCON has already started Geeta Marathon, it's my humble request to you to be part of this great event to progress in the path of enlightenment.

Today, I am trying to depict what Geeta and its messages mean to me and the world.  

Hare Krishna

इतने सवाल नहीं मन में

जितने इसमें जवाब है

इतनी ख्वाहिशें थी भी नहीं

पूरे हुए जितने ख्वाब है

 

तू कहने को तो है आसान

तेरा राज़ ना जान पाया कोई  

तेरे रास्ते जो भी चला

भवसागर से मुक्ति होई

 

तू ही दोस्त, तू ही हमराही

तू ही माता. तू ही दाता

अपने कर्मो के हम बंधी

तू हमारी भाग्य विधाता

 

तू भगवान की वाणी है

मैं मुर्ख भूली ये सन्देश

जब से तुझको फ़िर से जाना

चली पूरा करने तेरा निर्देश

 

अब कोई ना रहे मेरा काम

जाना है अब तो उसके धाम

तेरी सेवा में रहूँ मैं, ओ भगवत गीता

तूने मिलाया राम और श्याम


ना अब, कुछ और है जानना

तुझको जान लिया, इसके बाद

ना कुछ, बाकी रहा मन में

तेरा सार, समझ जाने के बाद

 

मै प्रयास करती रहूँ सदा

मुझे देना, तू इतनी शक्ति

कृपा करना हम पर सदा

हर कर्म की मंजिल बन जाए भक्ति 

 

रोज़ तेरा गुणगान जो भी करे

मिले शांति, ना रहे चिंता, ना वो डरे

हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे

हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे

 

श्यामिली  


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