एक मुलाकात
मिली मै आज उसे,
पहचानी थी या अजनबी थी
खिलखिलाई भी थी,
पर कहीं होठों में हँसी दबी थी
शरारती आँखों से
मासूमियत झलकी यूँ मानों
बचपन में जैसे
बिजली बादलों में कडकी थी
पूछा जब मैंने हाल उसका
बैगानो सी इतराई वो
क्या हम पहले मिले है
सवाल कैसा ले आई वो
मैंने कहा गौर से देखो
क्याँ याद नहीं तुमको कुछ
आया
तुम गीता कॉलोनी की शीतल हो
ये बोल, धीरे से मुस्कुराई वो
ये क्या हाल बना रख्खा है
तुम तो बड़ा महकाती थी
किधर गई वो चुलबुलाहट
जिस पर तुम इतराती थी
ये क्या सवाल उठा डाला
किससे फ़िर मैंने मुह लगा
डाला
पर वो क्या थी रुकने वाली
वो कभी मेरे संग संग मंडराती थी
अब तुमसे क्या छुपाना है
जीवन जैसे बना दवाखाना है
बोली वो, जाने भी दो
जानती हूँ, ये एक बहाना है
ये हार जो तुमने मानी है
जिद है, जो तुमने ठानी है
क्या लाई थी, सब यहीं मिला
फ़िर क्यूँ साथ, अपने ले कर
जाना है
बंद करो ये जमाखोरी
क्यूँ खुद उत्पात मचाया है
अच्छे खासे जीवन का
कैसा हाल बनाया है
कल जियूंगी कल हसूंगी
कल ही कल मै सब करुँगी
कल जीने की इच्छा कैसी
किसी का कल नहीं आया है
आँख से आँख फ़िर चुराली मैंने
मिट्टी कैसे फ़िर हटाली
मैंने
रास्ता बदलू या सीधे ही चलूँ
कैसी असमंजस ये पाली मैंने
क्या ठीक हुआ मै आज इससे फ़िर मिली
क्या फ़िर मिलूं इस्से या जाने
दूँ यहीं
जब जब तुम मिल जाती हो
बैचैनी छाती है, आँख फ़िर मल डाली मैंने
सपना कहीं ये सच तो नहीं
किधर गई, मेरे मन की मनचली
मैं मानती रही, मै सदा रहूंगी जिंदा
पर भूल गई उम्र पल पल है
ढली
वो छाया थी मेरी, जो आज मिली थी
सपना था, पर हकीकत ही दिखी
थी
फ़िर सब चिंता छोड़ने की सोचा
मस्ती से उठी, थी मुड में आज, खिली खिली
एक घन्टे में खूब नहा कर
भर भर के, खूब खाना खा कर
बिंदी लिपस्टिक फ़िर सजाकर
बैठी मै गाड़ी में जाकर
जैसे ही गाड़ी सड़क पे आई
शुरू हो गई धाये धाये
कैसे कोई शांति से जिए
जब सर भन्नाए ट्रैफिक में
जाकर
बहुत हुआ ये सपना, वो बचपन
अभी काम, करो जब तक उम्र है पचपन
ठीक होगा कुछ कुछ घूमना घामना
थोड़ा थोड़ा जिंदा रखो लड़कपन
कुल मिलाके ये जाना मैंने
सब कुछ है, इसी जन्म में
पाना मैंने
बाँट दो २४ घंटो को ऐसे
रहे जेब में पैसे, और जिंदा
रहे बचपन
दोस्तों से कायम, कुछ मुलाकात रखो
रिश्ते भी निभाओ, पर अपने भी
जस्सबात रखो
खामियां ढूँढोगे तो सब में मिल जाएँगी
रोज़ सराहो किसी को, नेक
ख्यालात रखो
ना बाँट सको ना बांटो गम किसी के
अपनी मुस्कराहट में मरहम
हरदम साथ रखो
मिले ना मिले हम फ़िर इस जहाँ में
अपनी दुआओ में हर पल हमको याद रखो
श्यामिली
Zabardast hai ma;am
ReplyDeleteNo one can compete
@vikram
best blog till now 👏👏👏👏
ReplyDeleteAwesome 👌 complete answers for balance life.
ReplyDeleteTruly awesome ma'am. 👌
ReplyDeleteVery catchy 👌 I m stunned !!! Wonderful ma'am 👍
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