क्या याद, है मेरे दोस्त
Month of August, month of friendship, Month of Love as well. I got engaged and married in the same month.
Today’s emotions are dedicated to all my friends, my loved ones’. Doesn’t matter if we are in touch or not, you have been part of my life and will always be a piece of my heart. God bless
Happy Friendship Day
वो सुबह शाम का निहारना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
वो एक संग में भीगना
चंद लम्हों का सफ़र
वो हिस्सा आज भी भीगा है मेरा
तेरा सूख गया मगर
एक सुर का वो हसना
एक सुर में फिर गाना
तेरी खुशयों की मन्नतें माँगना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
क्या उन राहों से
अब भी वास्ता है तेरा
कुछ बदला सा लगता है
अब तो रास्ता तेरा
इक दूजे को पाना
कभी मंज़िल ही ना थी
फिर तेरा मुझसे कतराना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
क्या याद अब भी आती हूँ मैं
उसी शिद्दत से
क्या अब भी माँगते हो मुझे
अपनी क़िस्मत से
या भूला दिया है
दिल की धड़कनो से भी
वो उँगली से उँगली का टकराना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
सावन ये क्यूँ,
फिर चला आता है
क्या तुमको मेरी,
थोड़ी याद दिलाता है
इतना जलीं हूँ,
पर राख़ ना हुईं मैं
आस की लों को तेरा, हमेशा जलाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
धूल यादों पे पड़ी है
उड़ाने आयी हूँ
मैं तुझमें छुपी खुदको
जगाने आयी हूँ
तू ग़ैर नहीं था
मेरा हमसाया ही था
रोज़ मिलने का, करता था बहाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
श्यामिली
Today’s emotions are dedicated to all my friends, my loved ones’. Doesn’t matter if we are in touch or not, you have been part of my life and will always be a piece of my heart. God bless
Happy Friendship Day
वो सुबह शाम का निहारना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
वो एक संग में भीगना
चंद लम्हों का सफ़र
वो हिस्सा आज भी भीगा है मेरा
तेरा सूख गया मगर
एक सुर का वो हसना
एक सुर में फिर गाना
तेरी खुशयों की मन्नतें माँगना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
क्या उन राहों से
अब भी वास्ता है तेरा
कुछ बदला सा लगता है
अब तो रास्ता तेरा
इक दूजे को पाना
कभी मंज़िल ही ना थी
फिर तेरा मुझसे कतराना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
क्या याद अब भी आती हूँ मैं
उसी शिद्दत से
क्या अब भी माँगते हो मुझे
अपनी क़िस्मत से
या भूला दिया है
दिल की धड़कनो से भी
वो उँगली से उँगली का टकराना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
सावन ये क्यूँ,
फिर चला आता है
क्या तुमको मेरी,
थोड़ी याद दिलाता है
इतना जलीं हूँ,
पर राख़ ना हुईं मैं
आस की लों को तेरा, हमेशा जलाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
धूल यादों पे पड़ी है
उड़ाने आयी हूँ
मैं तुझमें छुपी खुदको
जगाने आयी हूँ
तू ग़ैर नहीं था
मेरा हमसाया ही था
रोज़ मिलने का, करता था बहाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
खुदी लड़ना खुदी मनाना
क्या याद, है मेरे दोस्त
श्यामिली
Kya baat. kya baat... kya baat....
ReplyDeleteNot able to recognise you
DeleteWah wah wah 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻
ReplyDeleteThank you so much, you are also part of my motivation, Luv you buddy 😘😘
DeleteBahut khub superbbbb
Delete����������. its mesmerizing and pleasing.
ReplyDeleteThank you and take care of yourself
Deleteबचपन का वो जमाना, यादों का वो खज़ाना अब भी मेरे साथ है मेरे दोस्त, खुदी लड़ना खुदी मनाना मुझे याद है मेरे दोस्त ।।
ReplyDeleteThanks buddy, you are part of this treasure
Deletevery well written....still hard to imagine you have written😉. On a more serious note, it's really pleasing....
ReplyDeleteThank you so much, don't be so serious
Delete