कर सको तो करो महसूस


कर सको तो करो महसूस
सूरज की बड़ती लाली को
घर जाते हर पंछी को
खाली होती हर डाली को

कर सको तो करो महसूस
क्यूँ इधर उधर, लहराते वो
दूर तलक को उड़ते उड़ते
तुरंत लौट के आते वो

कर सको तो करो महसूस
आकाश में मचीं हुड़दंग को
है अपनो से कोई जंग नहीं
देखो, ख़ुद से जुड़ी, इस जंग को

कर सको तो करो महसूस
ये चहल पहल क्यूँ है, सुबह और शाम
दिन और रात, ये आराम है करते
और शायद लेते, प्रभु का नाम

कर सको तो करो महसूस
ये जीवन ना प्रतियोगिता है
उसकी मंज़िल उसकी है
तुम्हारा अपना रस्ता है

कर सको तो करो महसूस
क्या खोकर क्या क्या पाया है
सारा जीवन बीत गया
बस अपना आप गँवाया है

कर सको तो करो महसूस
काली होती उस लाली को
धीमें धीमें उजली होती
चंदा की उस बाली को

कर सको तो करो महसूस
कोयल की ख़ामोशी कूकने तक
साए साए लहराती हवाँ को
पहली पोह के फटने तक

कर सको तो करो महसूस
क़ुदरत के हर इक रंग को
ना समय व्यर्थ करो संजोने में
ना लड़ो खुदसे इस जंग को

कर सको तो करो महसूस
ये जीवन मिला है, किसके लिए
मिट्टी का माधो, मिट्टी की मैं
फिर इतराना है, किसके लिए

कर सको तो करो महसूस
अब भी साँसे बाक़ी है
अब तो कुछ सिमरन करलो
मिट जाए जो आकी है

कर सको तो करो महसूस
आँखो की इस प्यास को
सब छिन जाए, बस ये ना छीने
क़ायम रख्खो, विश्वास को


श्यामिली

Comments

  1. Just awesome....Keep up your fabulous work.....

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  2. Kar sako to karo mahsus !

    Jay shri Radhe Madhav 🙏🙏🐥🐦🐚🌹💐🌻🌴🌿🌾🌕🌈🌙🌝🌞🌟🌅

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  3. Kar sako to karo mahsoos....sunder

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  4. Wow mam, bahut hi acchi upma ki hai jeevan se👍

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  5. कर सको तो करो महसूस
    ये जीवन ना प्रतियोगिता है
    उसकी मंज़िल उसकी है
    तुम्हारा अपना रस्ता है

    Ye aapne bht achha likha, logo ka raasta hota hai fir Manzil, Lekin madam mera to raasta hi raasta hai, Manzil nhi.

    Madam, aap itna achcha likhte ho ki sab Ko bolna hi padta hai.
    हर बार पहले से बहुत ही बेहतरीन, बिना किसी शक के।।

    @vikram

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