बेटी की दुहाई
ना राखी ने लाज बचाई
ना काम माँ की सीख आई
बाबा, सुनलो मेरी पुकार
सुनलो, बेटी की दुहाई
ना श्याम ने मेरा थामा आँचल
ना हनुमान ने संभाला उस पल
बाबा, पहने थे, कपड़े भी पूरे
जी थी मै, संग सपने अधूरे
किया था हमेशा, नापतोल के काम
आवाज़ थी नीची, ना था किया, कभी आराम
तुमने कहा था, चूल्हा चौका संभालो
भाई पढ़ेगा, तुम गीत, चुपके से गालो
उस फैशन वाली सहेली का संग छोडो
वो निर्लज, तुम संस्कारो से रिश्ता जोड़ो
आएगा राजकुमार एक,
फ़िर तुम्हारे जीवन में
क्यूँ पहलवान बनना,
कमसिन फूल बनी रहो तन में
सुबह उठो, कमर कसो,
सेवा की करलो तैयारी
वो निर्लज, तुम संस्कारी,
किस्मत चमकेगी तुम्हारी
बाबा, मैंने तुम्हारी सब मानी
तुम्ही थे, सबसे ज्ञानी
आज भला क्यूँ टूट गए
मुझसे क्या तुम रूठ गए
साँस पहली तुमने दी थी
फ़िर एक साँस लोटा दो ना
देखों कैसे ढेर पड़ी हूँ
मेरी किस्मत चमका दो ना
मैंने किया जो तुमने बोला
पर तुमने थी ना ये बात बताई
क्या बचना है राक्षसों से
क्यूँ ना थी मुझको कला सिखाई
नारी होना अभिशाप नहीं
वरदान था ये कोई पाप नहीं
नारी तो सीता का रूप बने
क्यूँ बचा नर में, अब राम नहीं
मैंने पढ़ा खूब हनुमान चालीसा
पर उसने मुझको हरदम पीसा
मैंने गोविंद को भी लगाई आवाज
आया ना कोई बचाने मेरी लाज
बहन अभी है मेरी छोटी
क्या बात मेरी इक मानोंगे
काम सभी आ जायेगें उसको
क्या थोड़ा उसको पढ़ा लोगे
गिल्ली डंडा भी खेलने देना
क्या आत्मरक्षा सिखा लोगे
नारी की इज्ज़त जरुरी है
क्या भाई को पाठ पढ़ा लोगे
ना आँसू बहाना मेरे जाने पर
ना खाना रहम उस मर जाने पर
क्या आज कसम तुम खालोगे
क्या उसको सजा दिलवा लोगे
गर एक और की लाज बचा लोगे
तो मुझको वापिस पा लोगे
तुम मुझको वापिस पा लोगे
तुम मुझको वापिस पा लोगे
श्यामिली
# हाथरस कांड
बहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeleteबहुत अच्छा लिखा है
ReplyDeleteVery nice lines with heart touching words on the cruel incident mam.... These lines should be publish...
ReplyDeleteGr8..... Bohat Sundar......👍🙏💐🤲
ReplyDeleteSpeechless 👏👏👏👏👏
ReplyDeleteLiterally gave goosebumps.. this is very well articulated
ReplyDeleteNice 👌
ReplyDeleteबहोत ही पीड़ा भरी दास्तान है ये उस मासूम की जिसकी चीख किसी ने नही सुनी।।।
ReplyDeleteमैडम कोई लफ्ज़ नहीं है आज लिखने को na ही बोलने को।।।
एक आप हो जिसने उस मासूम की दर्दनाक अंत को बयां kiya
Shukriya madam kisi ko to उस मासूम के पीड़ा का एहसास है।।।।। शुक्रिया madam
@Vikram
Very nice lines with heart touching words
ReplyDeleteUnpardonable Crime 😡 Hang them or Shoot them 🔫🔫🔫
ReplyDeleteM actually speechless.
ReplyDeleteMy heart is overwhelmed.
Well written, heart touching,sad story.
ReplyDeleteThe incident has been portrayed in subtle manner and so does the pain which couldn't be expressed in more explicit form as done by you. Perhaps this is tight slap on so called open advanced reforms at the cost of disrespectful behaviour of chosen those of women.
ReplyDeleteKudos to your thoughts n Articulation