मेरी कशमकश
ना
दिल की जबां से, ना मद्द- ए- खुदा से
नाम लिखा तुम्हारा, ज़ख्मों के निशाँ से
ना टूटे, ना बिखरे, ना चटके गुमा में
नज़र हटाई तुमने,
गिरे आसमां से
ना पार लगे हम, ना
सागर ने, डूबाया
यादों ने तुम्हारी, है शब भर जगाया
मिले ना तुम,
राह ढूंढ डाली सारी
लगता है के फ़िर से, है तुमको, गवाया
ना महकी है खुशबू, ना रंगो के बादल है
ना बिखरी है जुल्फें, ना ढलका सा आँचल है
वक़्त जैसे अपना, थम ही गया है
ना जी भर के रोए है, उखड़ा जैसे हर पल है
ना भूलें है तुमको, ना कभी चैन आया
पाला हर ज़ख्म है, ना मरहम लगाया
तुम आओ, ना
आओ ये मर्ज़ी तुम्हारी
ना रास्ता हमने देखा, ना नज़र को हटाया
ना दुःख मना ए दिल, क्या
खोने का ग़म है
ना काफिला कभी था, तन्हा, बेहतर हम है
ये रंग है अनोखा, आज
इसको लगाले
ना चाह मंजिल की बाकी, जाने किस राह हम है
ना पतंगा बना, ना कभी जगमगाया
हर रोल तुम्हारा, मैंने, खुद ही निभाया
हर साँस है फिर भी, तुम्हारी
मौजूदगी की गवां
ना रुकने दी जिंदगी, ना
धडकन ने कोई गीत गया
ना तुमसे मिले हम, ना जुदा हो पाए
ना दिल की कही, अब क्या हम सुनाए
सुनो आँखों से मेरी,
मेरी कहानी
ना गुज़रे ये होली, बिना रंग को लगाए
श्यामिली
Very nice 👌👌👌
ReplyDelete@vikram
Kaya baat hai . Lagta hai jindagi ke har pal ko bariki se dekha hai aapne. Bahut khuub
ReplyDeleteItne busy hone ke baad bhee apne vazud ka ahsas ker he lete ho.
ReplyDeleteVery nice .
Superbly penned 👌 Happiee Holi ma'am ❤🧡💛💚💙💜🤎
ReplyDeleteWah
ReplyDeleteWah wah wah...
ReplyDeleteThe bond of Soul almighty God . Very very deep imagination Madam
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteVery nice😚😚
ReplyDelete👌👌
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