तुम्हारा इंतज़ार है

 

दिल की दिल में रह गई, बात ना हुई

दिन तो मेरा ढल गया, रात ना हुई

शाम फ़िर जवां हुई, तुम सवार दो

तुम्हारा इंतज़ार है

तुम सवार दो

तुम्हारा इंतज़ार है

 

हम उधर थे रुक गए, तेरी राह में

बैठे है दिल बिछाये, तेरी चाह में

हो रही है इन्तेहाँ मेरे प्यार की

तुम्हारा इंतज़ार है

तुम पुकार लो

तुम्हारा इंतज़ार है

 

आँख यूँ खुली खुली, नम ही जाएगी,

याद मेरी तुमको मेरे, बाद आएगी

वक़्त अब भी है ज़रा, तुम संभाल लो    

तुम्हारा इंतज़ार है

तुम संभाल लो

तुम्हारा इंतज़ार है

 

अब भी ना आए तुम, कैसे गाए हम

साँस भी है थम गई, मर न जाएँ हम

लाज़मी है अब करार, क्यूँ बेकरार हो    

तुम्हारा इंतज़ार है

तुम क्यूँ बेकरार हो

तुम्हारा इंतज़ार है

 

 

श्यामिली

Comments

  1. Madam, काश मै भी आप जैसा लिख सकता,
    बहोत्त ही शानदार लिखा हैं आपने...
    Super Duper
    Keep going madam,our wishes are with you.


    @Vikram

    ReplyDelete
  2. अब भी न आए तुम , कैसे गाएं हम । सांस भी है थम गई , मर न जाएं हम ।।

    मैडम आपने रीति काल के कवि बिहारी और मीरा की याद दिला दी । Super se bhi upar ,

    ReplyDelete
  3. आपकी ये कविता दिल की गहराईयों से निकली है। अति उत्तम..

    ReplyDelete

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