बचपन वाला इतवार

सुना है कुछ हुआ है

सुना है कुछ, ना रह पाएगा

सुना है कोई, रूठ गया है

सुना है कोई, ना मनाएगा

बार बार इस कदर, बदला है इंसा

खुद का अक्स भी ये, पहचान नहीं पाएगा

इक बार चला जाए तो, 

बचपन वाला इतवार नहीं आएगा

 

बेशक, बदला है दौर

बेशक, मशीनी हो गया है सब  

बेशक, इश्क मुश्क भी, आम हो गया

पर, किसी को किसी पर, प्यार नहीं आएगा

इक बार चला जाए तो, 

बचपन वाला इतवार नहीं आएगा

 

बस होंगी जरूरते पूरी

बंगला गाड़ी डिस्को भी होगा

माँ बाप के संग मनाने को

चहकता त्यौहार नहीं आएगा

 इक बार चला जाए तो, 

बचपन वाला इतवार नहीं आएगा


दोस्ती भी, चेटिंग ग्रुप की

मोहताज  बन जाएगी

बीमार दोस्त की मदद करने

कोई दोस्त, बाहर नहीं आएगा

 इक बार चला जाए तो, 

बचपन वाला इतवार नहीं आएगा


वहाँ बोलते रह गए

जहाँ चुप-चाप रहना था

जहाँ बोलना चाहिए

वहाँ शब्दों का, कारोबार नहीं आएगा

 इक बार चला जाए तो, 

बचपन वाला इतवार नहीं आएगा


बड़ी जल्दी है, सब कुछ करने की

बड़ी जल्दी है, हाथ पकड़ने की

बड़ी जल्दी है, सबको बढ़ने की

बचपन खुद ही सबको छोड़ जायेगा

ना खुद पर, ना किसी और पर,

किसी को किसी पर एतबार नहीं आएगा

इक बार चला जाए तो, 

बचपन वाला इतवार नहीं आएगा


श्यामिली





Comments

  1. Badi jaldi hai sabko badhne ki " nice line Madam . 🙏🙏🙏

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  2. आपने बचपन की याद दिला दिया है। बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति है।

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  3. Sach me yaar wo itwaar abb na aayega👍👌👌bahut sunder

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  4. Purani yadein taza ho gao madam bachpan ki 👌

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