मेरी किताब
चंद पन्ने छप जाएँ
जो ,
मेरी
किताब के,
बे-आबरू हो जाएँ
वो,
उठते नक़ाब के
दिल
का दर्द सुनाने
हम
क़िधर जाए,
दिल
का दर्द सुनाने
हम
क़िधर जाए,
काँटे
लगे हुए है जब,
सभी
के ख़्वाब में
चंद पन्ने छप जाएँ
जो ,
मेरी
किताब के,
वो
रूबरू हुए यूँ ,
लगा
रोक लेंगे हमें,
फिर मान लिया हमने,
मिलने
आए जनाब थे
चंद पन्ने छप जाएँ
जो ,
मेरी
किताब के,
बाद
मेरे, मेरी
दास्ताँ
रह जाए,
बाद
मेरे, मेरी
दास्ताँ
रह जाए,
रूह
बेनक़ाब करनी पड़ी,
मुझे
हर हिजाब से
चंद पन्ने छप जाएँ
जो ,
मेरी
किताब के,
बे-आबरू हो जाएँ
वो,
उठते नक़ाब के
"Rooh benaqab karni padi , mujhe har hijab se " Wah Madam , kya baat kya baat . Very impressive word 👍👍👍
ReplyDeleteWah wah
ReplyDeleteAfter a long some thing good to read
ReplyDeleteGreat
ReplyDeleteI luv ur creations... 💓 gr8 ma'am 👌
ReplyDeleteबहुत खूब 👏👏👏👏
ReplyDeleteNice line
ReplyDeleteबहुत खूब...ऐसी वो आपकी किताब कौन सी जिसके छपने से धमाल हो जाएगा।
ReplyDelete👌👌👏👏
ReplyDeleteVery nice 👍👍
ReplyDelete