सुपना

 

सुवेरे सुवेरे, एक सुपना वेख्या

सुपने विच, एक सुखना चुक्की

जे तेरी मैं, ना हो पाई

समझ लई फेर, मैं हाँ मुक्की

 

सान्हा नाल, तू साह मिलाई

मेरी उड़दी लट, दूर हटाई

अख्खां नाल फेर अख्ख मिलाई

करता मैंनू, तू हक्की बक्की

जे तेरी मैं, ना हो पाई

समझ लई फेर, मैं हाँ मुक्की

 

किन्ने किन्ने सी, वादे कित्ते

जीन मरन दे, इरादे कित्ते

पूरे ना तू, आधे कित्ते

कया मेर तो, ना मतलब रख्खी

जे तेरी मैं, ना हो पाई

समझ लई फेर, मैं हाँ मुक्की  

 

चन वाकण जीन्वे, चमक्या सी तू

मख्खन जया, लिश्क्दा सी तू

कीती पेडी, प्ल्टग्या वे तू

बेमतलब आया, क्यूँ कित्ता मैंनू दुख्खी

तेरी ना हो पाई मैं

होन तक वी, देख ना मैं मुक्की

 

कई आए, कई गए सावण

उमरां लंगियाँ, ना होया चानन

वी दिन, वी वरों तो हो गए भारवं       

होर हो गई मैं हुन, तेरे तो वख्खी

वेख तेरी मैं,  ना हो पाई

होन तक वी, मैं ना मुक्की

 

श्यामिली


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