कागज़

 

कागज़ तो,

कागज़ रहेगा

कभी नहीं,

झूठलायेगा

लिखा वैसे का,

                    वैसा रहेगा

सालो तक,

                    साफ़ साफ़ बतलायेगा

फर्क रहेगा,

                    नज़र और नज़रिये का  

ये क्या किसको,

समझायेगा

काला अक्षर,

भैस बराबर

किसी किसी को,

नज़र आयेगा

किस कागज़ पर,

क्या लिखा है

क्या पढ़ने वाला,

समझ पायेगा

 

कौन करेगा,

इसको वन्दन

कैसे बनेगा,

इससे बंधन

कौन सुनेगा,

इसका क्रन्दन

कौन इसको कैसे,

समझ पायेगा

किस कागज़ पर,                

क्या लिखा है

क्या पढ़ने वाला,

समझ पायेगा

 

सुनो ये,

क्या क्या कहता है

क्यूँ सागर,

मीलो बहता है

क्या इसके,

मन में रहता है

इक दिन तुम्हारी आँख से,

बह जायेगा

किस कागज़ पर,

क्या लिखा है

क्या पढ़ने वाला,

समझ पायेगा

 

कहीं शब्द मिलेंगें,

कहीं भाव भी

कहीं दिखने लगेंगें,

लिखने वाले के घाव भी    

दोस्ती इससे करके तो देखो ,

होने लगेगा लगाव भी

अक्षर अक्षर फिर,

इसका जगमगायेगा  

किस कागज़ पर,

क्या लिखा है

क्या पढ़ने वाला,

समझ पायेगा

 

क्या सामने है,

क्या पीछे छिपा है

लिखने वाले ने,

क्यूँ कब लिखा है

महसूस करो,

                    जो नहीं दिखा है

आँसू उसका,

                    तुम्हारी आँख में नज़र आयेगा

किस कागज़ पर,

क्या लिखा है

क्या पढ़ने वाला,

समझ पायेगा

 

 

श्यामिली

Comments

  1. "आंसू उसका तेरी आंखो में नज़र आयेगा " very deep imagination , perfect poetress , 🙏🙏🙏🤷🤷🤷

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  2. Lovely writing! 👏👏👏

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  3. Madam samaj aaya hai
    Bahut hi khoobsoorat Rachna

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  4. कहीं शब्द मिलेंगें, कहीं भाव भी,कहीं दिखने लगेंगें,लिखने वाले के घाव भी  ...कितनी गहराई है इसमें..पूरी सुन्दर कविता ही सुन्दर और भाव पूर्ण है।

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  5. Ati Sundar and Bhavpoorn Kavita 👌👌

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  6. कौन सुनेगा,

    इसका क्रन्दन

    कौन इसको कैसे,

    समझ पायेगा

    किस कागज़ पर,

    क्या लिखा है

    क्या पढ़ने वाला,

    समझ पायेगा

    ReplyDelete

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