यारों
संभाल
कर, इससे खेलो
ना
हाथ से, फिसल जाये
तन्हा
वो भी है, तेरी तरह
ना
वक़्त ये, निकल जाये
कुछ
सब्र तो, किया करो
होगा
अपना भी, समां यारो
कुछ
होंसला, रखा करो
होगा
अपना भी, कारवां यारो
तुम
दूर हो मगर,
दूरी
है कहाँ
यारों
की यारी में,
मज़बूरी
है कहाँ
गर
मिलने का मंसूबा हो,
होगा
अपना सफर भी, रवां यारो
कुछ
होंसला, रखा करो
होगा
अपना भी, कारवां यारो
मरासिम
तो है,
चाहे
साथ ना हो
दुआ
में याद रखना,
बढ़ाने
को हाथ ना हो
दिल
तो मिलाये रखना
होगा
अपना क़िस्सा, खुशनुमा यारो
कुछ
होंसला, रखा करो
होगा
अपना भी, कारवां यारो
श्यामिली
हां, होगा अपना भी कारवां, यारों...
ReplyDelete"बढ़ने को हाथ ना हो , दिल को मिले रखना "
ReplyDeleteSuperb imagine , super thaught Madam .
🙏🙏🙏🙏
Superb thought and fine words
ReplyDeleteVery inspirational 👌
ReplyDeleteRudra Vashist
Wonderful thoughts!
ReplyDeleteअति उत्तम
ReplyDeleteअति उत्तम , सराहनीय
ReplyDeleteVery nice Ma'am 🙏🙏🙏
ReplyDeleteBahut khub wah wah 👍👍🍫🙏🏻
ReplyDelete👌👍
ReplyDelete👌👌👍
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