मुश्किल है
बेहिसाब
का हिसाब लगाना,
मुश्किल
है
अब
और लब पर,
बात
दबाना मुश्किल है
कहने
को तो पूछ लिया,
करते
हो तुम
पर
हाल-ए-दिल,
तुमको
बताना मुश्किल है
सोचा
तो था कि,
हम
पूछ लेंगे
पर
हटते क़दमों को बढ़ाना,
मुश्किल
है
जो
जा-जाकर,
लौट
कर आ जाये
ऐसे
जाते को भुलाना,
मुश्किल
है
वक़्त
का सुना है,
भर
देता है हर घाव
उम्र
बीत गई,
वो
बात भुलाना मुश्किल है
अटकले
लगाते रहेंगे,
जानने
वाले
किसी
को कोई जान जाये,
इतना
याराना मुश्किल है
बेहिसाब
का हिसाब लगाना,
मुश्किल
है
श्यामिली
Amazing.... You make this so easy ma'am.
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNo comparison mam .
ReplyDeleteHare Krishna
अब और लब पर बात दबाना मुस्किल है
ReplyDeleteSuper ,simple and sensitive.
Kya baat
Kya baat
Superb ma'am Hare Krishna 🙏🙏
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteबेहिसाब का हिसाब लगाना, मुश्किल है...कितनी आसानी से इसका हिसाब बता दिया...अति सुन्दर।
ReplyDeleteSheetal this reminds of Munir Niyzi - a veteran pakistan Shayar.superb .God bless you Tognatta
ReplyDeleteBehtereeen!
ReplyDeleteIt's just like a puzzle ,
ReplyDeleteWell designed Madam