मैं क्यूँ बान्धू ख़ुद को, जब, दाता मेरा अनन्त है
मैं क्यूँ ना उड़ूँ, मैं क्यूँ ना खिलूँ
मैं क्यूँ ना लहराऊँ, मैं क्यूँ ना गिरूँ
मैं क्यूँ षीण रहू शीत में, जब आने वाला बसन्त
है
मैं क्यूँ बान्धू ख़ुद को, जब, दाता मेरा अनन्त
है
मैं ख़ुशबू नहीं, जो, पल में उड़ जाऊँ
मैं शीशा नहीं, जो, पल में चटक जाऊँ
मैं चिड़ी की चहक हूँ, जो दिल में बस जाए
मैं तारों की हूँ झिलमिल, जो चमकें तुरन्त तुरन्त है
मैं क्यूँ बान्धू ख़ुद को, जब, दाता मेरा अनन्त
है
मैं ख़्वाब नहीं कोई, जो पल भर में टूटें
मैं शबाब नहीं कोई, जो उम्र भर में उतरे
मैं कशिश हूँ एक, ना जीते जीं छोड़ूँगी
मैं ख़्वाहिश हूँ नेक, जिसके फल बेअंत है
मैं क्यूँ बान्धू ख़ुद को, जब, दाता मेरा अनन्त
है
मैं आँख का नहीं आँसू, पर निर्मल, इक जल हूँ
मैं चेहरे का नहीं सकूँ, पर निर्मल, इक मन हूँ
मैं पूरी होती दुआ नहीं, पर साथ, जीवन भर हूँ
मैं तुम हूँ, हाँ, तुम्हीं, अक़्स सा ही, मेरा
मत है
मैं क्यूँ बान्धू ख़ुद को, जब, दाता मेरा अनन्त
है
मैं रुक ना पाऊँ, रोके, साथ मेरे, मेरे सब है
मैं क्यूँ खाऊँ धोखे, साथ मेरे, मेरा रब है
मैं चंचल हूँ तितली, मैं क्यूँ बेठ जाऊँ
मैं मरके भी ज़ीलू, मेरे शब्द, मेरे बाद, मेरे
महंत है
मैं क्यूँ बान्धू ख़ुद को, जब, दाता मेरा अनन्त
है
श्यामिली
👏👏👏
ReplyDelete👍
ReplyDelete😀
Deleteमैं ख़्वाब नहीं कोई जो पल भर में टूटें
Deleteमैं शबाब नहीं कोई जो उम्र भर में उतरेमैं कशिश हूँ एक ना जीते जीं छोड़ूँगीमैं ख़्वाहिश हूँ नेक जिसके फल बेअंत हैमैं क्यूँ बान्धू ख़ुद को जब दाता मेरा अनन्त है .......हिंदी व उर्दू के शब्दों का आपने अपनी कवित्ता में सुंदरता से समाहित किया है ..अति सुंदर .
आप एक बहोत ही मजबूत इंसान हो,आज आप जहा हो वो आप अपनी मेहनत ओर अनथक प्रयासों से हो,आप सब की तकलीफ समझते हो पर जाहिर नही करते और उनकी तकलीफ दूर भी करते हों, और हा madam कुछ के लिए तो आप ideal भी हो, तो ऐसे लोगो के साथ हमेशा भगवान का आशीर्वाद रहता हैं और सदैव खुश रहते हैं। SIPS के liye आप सबसे बड़े inspiration हो.
ReplyDelete@
Vikram
Thank you
DeleteVery Nice...one of the best...use of Urdu words is excellent and brings the richness...wish readers will feel the meaning ...Ràb aap ke saath khud likha hai jaisa...
ReplyDeleteThank you Sir
ReplyDelete