शब्दों का जाल, कहीं रंगो का जाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
फैला है नीर कहीं
कहीं उड़ता गुलाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
राहें ये, दिल की हैं
ना मिलने पे, मिलती है
दिल क़ाले क़ाले है
होंठ लाल लाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
चुनरी लाल है कहीं
हरी चूड़ी भी, है वहीं
झंडा है तिरंगा जब
तिरंगा ही रहेगा, रब
ना और रंग भायें अब
तिरंगे पे, हम निहाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
आई फिर, होली है
मिलना, हमजोली है
प्रेम के ही रंग लगे
प्रेम की ही चाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
रंग अतरंगी है
जैसे साथ संगी है
कल होगा दाग़ ये
आज जो गुलाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
श्यामिली
रंगो का जाल है
फैला है नीर कहीं
कहीं उड़ता गुलाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
राहें ये, दिल की हैं
ना मिलने पे, मिलती है
दिल क़ाले क़ाले है
होंठ लाल लाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
चुनरी लाल है कहीं
हरी चूड़ी भी, है वहीं
झंडा है तिरंगा जब
तिरंगा ही रहेगा, रब
ना और रंग भायें अब
तिरंगे पे, हम निहाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
आई फिर, होली है
मिलना, हमजोली है
प्रेम के ही रंग लगे
प्रेम की ही चाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
रंग अतरंगी है
जैसे साथ संगी है
कल होगा दाग़ ये
आज जो गुलाल है
शब्दों का जाल, कहीं
रंगो का जाल है
श्यामिली
👏👏👏
ReplyDeleteVee nice
ReplyDeleteJO KAL RANG THA, AAJ WOH DAAG HAI
ReplyDeleteBAHUT KHOOB SHABDO KA JAAL KAHI RAANGO KA JAAL KAHI.
वाह
ReplyDeleteAwesome
ReplyDeleteVery nice
ReplyDelete@ Vikram
Supperbbb
ReplyDeleteWell said 👍👍👍
ReplyDeleteVery Nice
ReplyDeleteAgain good one mam
ReplyDeleteVery well written bhabhi
ReplyDeleteThank you so much all
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