औरत सब समझती है

औरत कहाँ समझती है
झूठ फ़रेब की दुनियाँ को
हँसके मिलते चेहरों की
कज़रारी चंदनियाँ को
          औरत कहाँ समझती है
          गिरते हुए चरित्रों को
          मौक़े की ताक में बैठे
          दुश्मनी करते मित्रों को
औरत कहाँ समझती है
ग़रझते मेघों की वाणी को
धुँधलाती तस्वीरों को
मध्यम से हुई उस हानि को
        औरत बस समझती है
उम्मीद की उन किरनो को
बहती हुई उन झीलों को
लहराते उन झरनो को
औरत बस समझती है
सृष्टि के अंतर मन को
पोह के फटने से लेकर
खिलते चंदा जीवन को
औरत बस समझती है
कोपले कब कब खिलती है
चाहे दूरी हो फिर भी
धरा अम्बर से मिलती है
औरत सब समझती है
कुछ कहती नहीं पर मुख से
तिस्क़ार क्यूँ सहती तुमसे
बचाए तुमको ही हर दुःख से
औरत सब समझती है
मानो ना अबला नारी इसे
ज़ंजीरे ये बांधे खुदी
ना बाँधे तीर तलवारी इसे
औरत सब समझती है
तुम छल ना पाओगे इसको
तुम जितना इसको जानोगे
और गहरा पाओगे इसको


        श्यामिली

Comments

  1. Straight from the heart... Well said

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  2. Just Another Masterpiece which is a pure reflection of Women as an Integral part of society. It Elucidates d highs n lows with mesmerising glows in entire span of her career as a Wife n Mother.Kudos to you. I strongly recommend you to please take this passion into next level of Platform.
    Awaiting for further Enlightened Versions.

    Regards

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  3. Straight from the bottom of heart.
    Excellent performance, madam

    @vikram

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  4. Jitni bhi taareef ki Jaye utni Kam hai, excellent poem mam

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  5. "नारी का सम्मान ही मनुष्य की असली पहचान"

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  6. "जब मैंने जन्म लिया,वहां "एक नारी" थी जिसने मुझे थाम लिया......

    || मेरी माँ ||


    बचपन में जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया "एक नारी" वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी.....

    || मेरी बहन ||


    जब मैं स्कूल गया "एक नारी" ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की......

    || मेरी शिक्षिका ||


    जब भी मै जीवन से निराश और हताश हुआ और जब भी हारा तब "एक नारी" ने मुझे संभाला ...

    || मेरी महिला मित्र ||




    जब भी मैं जीवन में कठोर हुआ तब "एक नारी" ने मेरे व्यवहार को नरम कर दिया.....

    ||मेरी बेटी||


    जब मैं मरूँगा तब भी "एक नारी" मुझे अपने गोद में समा लेगी.......

    || धरती माँ ||


    यदि आप पुरुष हैं तो हर नारी का सम्मान करें.....और यदि आप महिला हैं, उन में से एक होने पर गर्व करे...

    Vikram

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