छुपाना तो है
तुमको
कुछ,
बताना
तो है
क्या
कहूँ,
कुछ जताना तो है
समझ
सको तो
बिन
कहे समझो
राज़
सबसे ये,
छुपाना
जो है
जाने
कैसे, ना,
तुम पढ पाए
कौन
सी जबां से
तुमको
समझाएं
समझ
सको तो
समझ लो तुम
बोले
बिन ही,
ना
हम मर जाये
एक
बात को लब पर,
लाना
तो है
कहने
का अब
बहाना
तो है
पर
कहते कहते
रुक
जाते है
सबसे
वो राज़
छुपाना
जो है
अखबार
आज की,
पढ़ी
तो होगी
किसी
की आँख,
गढ़ी
तो होगी
समझ
सको तो
समझलो
तुम
आँख
तुम्हारी,
भरी
तो होगी
दिल
के करीब,
होते
है जो
दिल
से उनको.
मनाना
तो है
मै
सपना,
तेरा
ही हूँ,
दुनिया
से मुझको,
बचाना
तो है
इससे
पहले की,
मै
आँखों से छलकूं
काजल, आँखों से
छुड़ाना
तो है
दिल
की दिल में
रख
लेंगे फिर से
राज़
सब से ये
छुपाना
तो है
श्यामिली
Well said Madam
ReplyDeleteLovely 👌 Hare Krishna 🙏
ReplyDeleteVery well said Respected mam jee .
ReplyDeleteHare Krishna
Hare Krishna
Hare Krishna
👏👏
ReplyDeleteGood one mam
ReplyDeleteGreat mam 🙏
ReplyDeleteVery well articulated 👏👏👏
ReplyDeleteAti sunder 👌
ReplyDeleteअपनी भावना को कविता में उकेरना एक अलग ही कला है।
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