मेरे अपराध
मेरे
अपराध
मेरे
अपराध इतने है, कि
बताएं
ना जायेंगे
लाख
छुपालूं तुमसे मैं
छुपायें
ना जायेंगे
कभी
सोचा ना था
दिन, ऐसा भी आएगा
कभी
सोचा ना था
दिन, ऐसा भी आएगा
तुमसे
आँख मिलाने में
हम
इतने घबराएंगे
तेरे
दरबार को जाने में
इतनी
देर लगायेंगे
मेरे
अपराध इतने है, कि
बताएं
ना जायेंगे
ना
दिल की सुने
तो
क्या करें
ना
वक्त मिले
कैसे
जियें
हम भटके हुए
मेहमां है
तेरे रास्ते पर
कैसे हम चल पाएंगे
तेरी
रहमतो के बादल
कब
हम से टकराएंगे
कब,
पहचानेगें खुदको
कब,
तेरे दर पर जायेंगे
मेरे
अपराध इतने है, कि
बताएं
ना जायेंगे
ना
मिला जो
उसकी
याद आती है
तू
है फिर भी
कद्र,
की नहीं जाती है
तू
कहता है,
विश्वास
तो कर
पर
कितने कदम
तेरे
हिसाब से, चल पायेंगे
तू
कहता है, फ़िक्र ना कर
पर कैसे, हम दिल को समझायेंगे
कौन
समझा है तेरी माया को
कैसे
हम, बच पाएंगे
मेरे
अपराध इतने है, कि
बताएं
ना जायेंगे
सोचा
तो है
मर्जी
होगी, बस तेरी
सोचा
तो है
मर्जी
होगी, बस तेरी
डगर
हो जाये, आसान
यही
अर्जी है मेरी
तूने
हाथ छोड़ा ही
कहां
था
हाथ कैसे,
तेरी ओर बढ़ाएंगे
तेरा
ही तो, साथ है
ये
बात, कैसे समझ
पाएंगे
इस
माटी के जीवन का
कैसे,
मोल चुकांगें
बहुत
हो गया आना जाना
कब,
तेरे धाम को जायेंगे
कुछ
कृपा प्रभुपाद की हो
तो
शायद, हम संभल जायेगें
कुछ
कृपा निताई की हो
तो
शायद, गौर समझ आयेंगे
तो
शायद, कृष्ण समझ आयेंगे
श्यामिली
बहुत लाजवाब
ReplyDeleteहरे कृषणा
Very nyc
ReplyDeleteकृष्णा कृष्णा
ReplyDeleteRadhe Radhe , Krishna Krishna ,🙏🙏🙏
ReplyDeleteRadhe Radhe .Krishna Krishna🙏🙏
ReplyDeleteहरे कृष्णा..प्रभु से बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteहरे कृष्णा...प्रभु से बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteNice mam
ReplyDeleteWonderful words!👏👏
ReplyDeleteNice ma'am 😊
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